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भारत ने ड्रोन से दागी गाइडेड मिसाइल, डीआरडीओ के परीक्षण में सफल रही, सैन्य क्षमता होगी मजबूत

नई दिल्ली । भारत ने यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल-वी3 का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज परीक्षण स्थल पर किया गया। इस शानदार उपलब्धि की जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को एक्स के जरिए साझा की।
सफल परीक्षण को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देते हुए डीआरडीओ ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में स्थित परीक्षण रेंज नेशनल ओपन एरिया रेंज (एनओएआर) में यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल (यूएलपीजीएम)-वी3 का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है। यूएलपीजीएम-वी3 प्रणाली के विकास और सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और इंडस्ट्री पार्टनर्स, एमएसएमई और स्टार्ट-अप को बधाई। यह सफलता साबित करती है कि भारतीय उद्योग अब महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों को आत्मसात करने और उत्पादन करने के लिए तैयार है।
इससे पहले मई में भारतीय सेना ने पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज, बबीना फील्ड फायरिंग रेंज और जोशीमठ सहित देशभर के प्रमुख स्थानों पर व्यापक क्षमता का प्रदर्शन किया था। 31 मई को जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ये क्षेत्र परीक्षण लगभग युद्ध जैसी परिस्थितियों में किए गए थे। जिसमें अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों के प्रदर्शन का गहन मूल्यांकन करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सिमुलेशन को एकीकृत किया गया था। 27 मई को थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने बबीना फायरिंग रेंज का दौरा किया और चल रहे प्रदर्शनों की समीक्षा की तथा सभी हितधारकों से बातचीत की।
यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल (यूएलपीजीएम)-वी3 भारत की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित एक उन्नत हथियार प्रणाली है। जो ड्रोन से लॉन्च की जाती है। यह हथियार प्रणाली आधुनिक युद्ध की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन की गई है। यह भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
हवा से सतह पर मार करने वाली प्रिसिजन-गाइडेड इस मिसाइल को विशेष रूप से ड्रोन के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें इमेजिंग इन्फ्रारेड सीकर के साथ पैसिव होमिंग जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो दिन और रात दोनों समय सटीक निशाना लगाने में सक्षम है।
12.5 किलोग्राम की यह फायर-एंड-फॉरगेट मिसाइल एक छोटी ड्यूलथ्रस्ट सॉलिड प्रोपल्शन यूनिट द्वारा संचालित होती है। यह दिन में अधिकतम 4 किमी और रात में 2.5 किमी की दूरी तक मार कर सकती है। अदाणी और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) यूएलपीजीएम परियोजना के प्रमुख विनिर्माण भागीदार हैं, जबकि डीआरडीओ इन हथियारों के विकास और परीक्षण के लिए जिम्मेदार है। यूएलपीजीएम वी3, वी2 और वी1 का उन्नत संस्करण है।

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