ये सच्चा प्यार है या सिर्फ आकर्षण
महज आकर्षण हो तो भी ऐसा हो सकता है कि हर वक्त कोई ख्यालों में रहे। लेकिन इस ख्याल की मियाद बहुत लंबी नहीं होती। लेकिन जब सुबह-शाम, सोते-जागते, कोई भी काम करते हुए एक ही व्यक्ति का चेहरा आपकी आंखों के सामने घूम रहा हो, वो हर वक्त आपके ख्यालों में हो और यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो समझ जाइए कि आपको प्यार हो गया है।
घर या दफ्तर का काम करते हुए अचानक उसका ख्याल आए और यूं ही आपके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाए तो ये फ्लिंग नहीं, प्यार है।
ऐसा सिर्फ मुहब्बत में ही होता है कि प्रेमी में सबकुछ अच्छा ही नजर आता है। उसका नाक बजाकर सोना या खाते समय अजीब सी आवाजें निकालना, सबकुछ प्यारा लगने लगता है। वरना कोई दोस्त, सहकर्मी, भाई-बहन अगर सुड़क-सुड़ककर चाय पिए तो ईरिटेशन होने लगेगा। लेकिन उसी सुड़कने की आवाज जब प्रेमी के चाय के कप से आए तो वो किसी संगीत सरीखी लगने लगती है।
वैसे यहां एक रेड फ्लैग याद दिलाना जरूरी है। जर्नल ऑफ फैमिली थियरी एंड रिव्यू में साल 2011 में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक प्रेम में लोग अकसर प्रेमी को एक आदर्श की तरह देखने लगते हैं और उसकी गलतियों और कमियों को भी नजरंदाज करने लगते हैं। लेकिन लांग टर्म में यही चीजें रिश्ते के टूटने की वजह भी बनती हैं।
चाय सुड़कने या डकार लेने जैसी आदत को तो नजरंदाज किया जा सकता है, लेकिन गंभीर गलतियों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। प्रेमी के हर व्यवहार को डिफेंड करने और उसे एक आदर्श की तरह देखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
स्टडी से पता चला कि जब कोई सचमुच प्यार में डूब रहा होता है तो उसके ब्रेन के इमोशनल सेंटर्स (एमिगडला) की न्यूरोवायरिंग बदल जाती है। कैजुअल सेक्शुअल इनकाउंटर या प्लेटॉनिक लव में ऐसा नहीं होता।
अब प्यार हुआ है या नहीं, यह जानने के लिए आप अपना ब्रेन स्कैन करवाने तो नहीं जाएंगे। इसलिए चलिए, कुछ ऐसे संकेतों की बात करते हैं, जो खुद से समझे जा सकें।