अमरोहा में गन्ना विभाग में बड़ी हेराफेरी
तत्कालीन प्रभारी सीडीआई बर्खास्त, पहले भी कई पर गिर चुकी गाज
अमरोहा। अमरोहा जिले में गन्ना विभाग में हुए घोटालों की जांच के बाद अब कार्रवाई शुरू हो गई हैं। घाेटाले से जुड़े आशीष सैनी व एससीडीआई पीतम सिंह को भी बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं, घोटाले के इस खेल से हर कोई अचंभित है। घोटाले के मुख्य आरोपी आशीष सैनी ने 160 रुपये कीमत के ए-4 पेपर के लिए चेक में हेरीफेरी कर 10 लाख 160 रुपये निकाले। साथ ही जीएसटी, आयकर एवं लेबर सेस के रुप में संबंधित विभाग को जाने वाली रकम भी उसने अपने खाते में ली थी। इस रकम में भी उसको द्वारा चेकों में हेराफेरी कर कई गुना बढ़ाकर सरकारी धन का गबन किया था। जिले के गन्ना विभाग में साल 2022 में करीब पौने पांच करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था।
जिसमें वरिष्ठ सहायक आशीष सैनी ने चेकों में हेराफेरी कर सरकारी धन को अपने अलावा, परिजनों एवं परिचितों के खातों में ट्रांसफर कराया था। करीब एक पखबाड़े पहले आशीष सैनी पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। प्रकरण में मिलीभगत पर अब तत्कालीन ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक पीतम सिंह पर गन्ना आयुक्त द्वारा बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई है।
वहीं, घोटाले के इस खेल में आशीष सैनी द्वारा जिस तरह से घोटाले का यह खेल खेला गया है, उससे हर कोई हैरान है। घोटाले के इस खेल में आशीष के साथ कई विभागीय लोगों की संलिप्तता भी सामने आ रही है। तत्कालीन ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक पीतम सिंह के कार्यकाल में मई 2018 से अगस्त 2022 के बीच कुल 17 चेक जारी किए गए। जिसमें लेजर, जर्नल बुक, ए-4 पेपर, रेक खरीदने समेत जीएसटी, आयकर विभाग एवं लेबर सेस के लिए चेक काटे गए हैं। जिसमें आशीष सैनी के नाम ए-4 पेपर की खरीद के लिए 160 रुपये का चेक काटा गया, जो आशीष सैनी ने 160 से पहले 1000 बढ़ाकर उस चेक को 10 लाख 160 रुपये का बना दिया।
इसी तरह 1416 रुपये की रेक के लिए काटे गए चेक में 1416 से पहले 280 बढ़ाकर 28,01,416 रुपये का बना दिया। इसी तरह 225 रुपये की जर्नल बुक को नौ लाख 225 रुपये बनाकर बैंक से रकम निकाल ली गई। इसके अलावा आशीष सैनी एवं कई दूसरे लोगों तथा फर्मों के नाम सीधे 26 लाख रुपये की रकम निकाली गई।
जिसका कोई व्यय पत्रक भी उपलब्ध भी विभाग को उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके अलावा गन्ना विकास परिषद चंदनपुर एवं गजरौला से ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक पीतम सिंह के कार्यकाल में दो करोड़ से अधिक की राशि नेफ्ट और आरटीजीएस के माध्यम से की गई है।
आशीष ने मां सुमित्रा के खाते में भेजी रकम : घोटालेबाज आशीष सैनी की मां सुमित्रा देवी के खाते में एडवाइज के रूप में छह लाख रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर की गई। जिसमें एक ही तारीख को एक से अधिक एडवाइज जारी की गई। जांच के दौरान माना गया कि पेंशन कोषागार से दी मिलती है, इसलिए गन्ना विकास परिषद से पेंशन दिए जाने का कोई औचित्य नहीं बनता है। आशीष सैनी द्वारा किए गए घोटाले में पीतम सिंह की मिलीभगत सामने आने पर गन्ना आयुक्त प्रभुनारायण सिंह द्वारा पीतम सिंह को भी बर्खास्त किया गया है। वह गन्ना उपायुक्त कार्यालय बरेली से संबद्ध थे।
अन्य कई पर भी हो सकती है कार्रवाई
अमरोहा। गन्ना विभाग के इस घोटाले में अभी और अधिकारी और कर्मचारियों के भी जद में आने की संभावना जताई जा रही है। मामले में तीन डीसीओ समेत कई कर्मचारी निलंबित किए गए थे। अब शुरू हुई कार्रवाई में कई पर गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है।
आशीष के नाम ही काटे गए विभागों को जाने वाली रकम के चेक
जीएसटी, आयकर विभाग एवं लेबर सेस के रूप में संबंधित विभाग को जो रकम जानी चाहिए थी, उसका चेक भी आशीष सैनी के नाम ही काटे गए। उसमें भी आशीष सैनी द्वारा हेराफेरी कर रकम को बढ़ाकर निकाला गया। इन 17 चेकों के माध्यम से ही आशीष सैनी ने दो करोड़ दस लाख रुपये से अधिक की रकम निकाली। जिसमें पीतम सिंह की मिलीभगत सामने आई है।
दोनों बर्खास्त कर्मियों से होगी वसूली
शासन स्तर से बर्खास्त दोनों कर्मचारियों से गबन की गई राशि की वसूली की कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों की माने तो कर्मचारियों से गबन की गई रकम की वूसली होगी। इस संबंध में डीसीओ मनोज कुमार ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।