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चीन बना भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर

नई दिल्ली। भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है और दुनिया के तमाम देशों के साथ इसका कारोबार बढ़ रहा है। व्यापारिक साझेदारी के मामले में अब तक अमेरिका देश का सबसे बड़ा पार्टनर रहा है, लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 में तस्वीर एकदम बदल गई है। दरअसल, बीते साल अमेरिका नहीं, बल्कि ड्रैगन (चीन) भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर बना है। आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई के मुताबिक, दोनों देशों के बीच 118.4 अरब डॉलर का व्यापार हुआ है, जबकि अमेरिका इस मामले में नंबर दो पर है।
भारत का चीन को निर्यात 8% से ज्यादा उछला
जीटीआरआई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में भारत और चीन के बीच आयात-निर्यात 118.4 अरब डॉलर का रहा है। इसमें पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत का चीन को निर्यात सालाना आधार पर 8.7 फीसदी बढ़कर 16.67 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। चीन को निर्यात किए जाने वाले सामानों की लिस्ट पर गौर करें, तो इसमें सबसे ज्यादा लौह अयस्क, सूती धागा/कपड़े/मेडअप, हथकरघा, मसाले, फल और सब्जियां, प्लास्टिक और लिनोलियम शामिल रहे। रिपोर्ट के मुताबिक चीन की ओर से भारत को किए गए आयात की बात करें, तो इसमें भी इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत द्वारा चीन से किए गए सामनों का आयात 3.24 फीसदी बढ़ा है और ये 101.7 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है. चीन से भारत में आने वाले सामानों में प्रमुख तौर पर इलेक्ट्रॉनिक सामान, न्यूक्लियर रिएक्टर्स, बॉयलर, आॅर्गेनिक केमिकल, प्लास्टिक का सामान, फर्टिलाइजर, गाड़ियों से जुड़ा सामान, केमिकल प्रोडक्ट्स, आयरन एंड स्टील, आयरन एंड स्टील का सामान और एलुमिनियम शामिल रहा। आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई के डेटा के मुताबिक जहां भारत और चीन के बीच कारोबार 118.4 अरब डॉलर का रहा है, तो वहीं 2023-24 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 118.3 अरब डॉलर का रहा है और इस आंकड़े के साथ अमेरिका पहले नंबर से खिसककर दूसरे पायदान पर आ गया है। वित्त वर्ष 2020-21 हो या फिर वित्त वर्ष 2022-23 अमेरिका ही लगातार भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बना हुआ था। बीते वित्त वर्ष अमेरिका को भारत का निर्यात 1.32 फीसदी की गिरावट के साथ 77.5 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि आयात में लगभग 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और ये 40.1 अरब डॉलर पर आ गया।

बीते पांच साल में बदला व्यापार
जीटीआरआई के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2019 से 2024 के दौरान भारत के टॉप-15 ट्रेड पार्टनर्स के बीच हुए व्यापार में खासा बदलाव देखने को मिला है। इसका प्रभाव आयात और निर्यात दोनों के आंकड़ों पर देखने को मिला है। यहीं नहीं ट्रेड डिफ्लिक्ट या व्यापार घाटे और ट्रेड सरप्लस की स्थिति में भी चेंज देखने को मिला है। इन पांच सालों की अवधि में चीन को निर्यात में 0.6 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई है, वहीं चीन को निर्यात कमी देखी गई, जो 16.75 अरब डॉलर से घटकर 16.66 अरब डॉलर पर आ गया। वहीं चीन से आयात 44.7 प्रतिशत बढ़कर 70.32 अरब डॉलर से उछलकर 101.75 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। आयात में इस वृद्धि के कारण व्यापार घाटा बढ़ गया, जो 2018-19 के 53.57 अरब डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 85.09 अरब डॉलर हो गया है।

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