60 पहलवानों को हरा पहुंचे WWE, बचपन में दादा से सीखी थी कुश्ती

सोनीपत। हरियाणा के छोटे से जिले सोनीपत से निकलकर वर्ल्ड रेसलिंग में अपनी पहचान बनाने वाले सतेंद्र डागर का सफर बागड़ू गांव की गलियों से शुरू हुआ। सतेंद्र को बचपन से ही कुश्ती का इस कदर शौक था कि उन्होंने 8साल की उम्र में ही खुद का अखाड़ा खोला और कुश्ती शुरू की थी। कैसे हुआ WWE में सिलेक्शन…
– चंडीगढ़ में एक लोकल रेसलिंग चैंपियनशिप के दौरान सतेंद्र की मुलाकात WWE टीम के डेलीगेट्स से हुई।
– डेलीगेट्स ने सतेंद्र के मजबूत शरीर को देखकर खासी प्रभावित हुई। और उन्हें टेस्ट के लिए दुबई ले गए।
– इस दौरान उनके स्टेमिना की जांच की गई कि वे लगातार 6 घंटे प्रैक्टिस कर पाएंगे या नहीं।
– यहां पर उनकी 60 पहलवानों से बाउट करवाई गई थी।
– सभी पहलवानों को मात देने के बाद सतेंद्र को 3 साल का कॉन्ट्रैक्ट मिला था।
3 बार हिंद केसरी रह चुके हैं सतेंद्र…
– सतेंद्र 3 बार हिंद केसरी रह चुके हैं और उन्होंने अपने दादा से ही कुश्ती सीखी थी।
– सतेंद्र के परिवार में पीढ़ियों से कुश्ती की परंपरा रही है।
– सतेंद्र के दादा को भी हिंद केसरी का खिताब मिल चुका है
पूरी तरह शाकाहारी हैं सतेंद्र
– सतेंद्र भी पूरी तरह शाकाहारी हैं और कभी मांस या अंडे को छुआ तक नहीं।
– सतेंद्र ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, ‘मेरे लिए तो दूध, दही, घी और दाल, सब्जी, फल ही बहुत हैं।’
– विदेशों में ट्रेनिंग के दौरान सतेंद्र को खान- पान को लेकर काफी मुश्किलों का सामना किया।
साथ रखते हैं अखाड़े की मिट्टी
सतेंद्र के वॉलेट में अपने अखाड़े की मिट्टी हमेशा रहती है क्योंकि उनका मानना है कि उस मिट्टी का कमाल है कि वे यहां तक पहुंचे हैं। अपने गांव के बच्चों को अच्छी ट्रेनिंग देने के लिए उन्होंने अपने पैसों से मैट लगवाई है।
दो मैच खेले और दोनों जीते…
दिल्ली में हुई WWE की रेसलिंग चैंपियनशिप में सतेन्द्र डागर ने दो मैच खेले और दोनों अपने नाम करने में सफल रहे। वे इस चैंपियनशिप में गदा लेकर पहुंचे थे।