जून से शुरू हो जाएगा ला लीना का असर, किसानों को होगा फायदां

इस बार होगी ज्यादा बारिश और ठंड

नई दिल्ली। भारत में इस साल मॉनसून सामान्य के काफी हद तक बेहतर रहने वाला है। मौसम विभाग ने पूवार्नुमान जताया है कि जल्द ही ला नीना का असर प्रशांत महासागर में देखने को मिलेगा। जून से शुरू होने वाले मॉनसून में औसत से अधिक बारिश हो सकती है।
अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन के जलवायु पूर्वानुमान केंद्र ने अनुमान जताया है कि अगले कुछ महीनों में ला नीना का असर प्रशांत महासागर में देखने को मिल सकता है। इसकी शुरुआत जून से हो जाएगी। केंद्र ने एक टाइम टेबल जारी किया है, जिसमें बताया गया कि ला नीना का असर जून और अगस्त के शुरूआत में देखने को मिलेगा। इसके कारण भारत में भारी बारिश और देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस बार ला नीना के चलते औसत से अधिक बारिश यानी 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। पिछले साल ये सामान्य से 94 प्रतिशत कम थी।
पूर्वानुमान केंद्र का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में ला नीना से जुड़ी घटनाएं देखने को मिली हैं। इससे ये अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत में इसकी शुरुआत जून से हो जाएगी।

ला नीना का इफेक्ट जून से अगस्त में 49 प्रतिशत और जुलाई से सितंबर में 69 प्रतिशत बढ़ सकता है। भारत में ज्यादातर बारिश जुलाई और अगस्त में होती है और ला नीना के कारण होने वाली अधिक बारिश के से किसानों को खेतों में सिंचाई में भी मदद मिलेगी। सही मात्रा में बारिश चीनी, दाल, चावल और सब्जियों जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित कर सकती है, जिससे मुद्रास्फीति की समस्या पर भी लगाम लग सकता है।

क्या होता है ला नीना
भारत में अल नीनो की बात करें तो ये अधिक गर्मी और कमजोर मॉनसून की वजह बनता है। वहीं ला नीना की बात करें तो इसमें औसत से अधिक बारिश और ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना होती है। भारत के मौसम विभाग ने भी ला नीना के विकसित होने की पूर्ण संभावना जताई है।