17 सालों में 10 बार ताज की हुई मड थेरेपी
ASI ने एडवोकेट को दी जानकारी, एक करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुके हैं खर्च
आगरा। आगरा के एडवोकेट केसी जैन ने एएसआई से RTI के तहत जानकारी मांगी थी कि ताजमहल का कितनी बार क्लेपैक ट्रीटमेंट हो चुका है। इस पर एएसआई ने जानकारी दी है कि वर्ष 2007-08 से अब तक ताजमहल का 10 बार क्लेपैक ट्रीटमेंट हो चुका है। इस पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा हो चुका है।
क्या है मड थेरेपी
क्ले को डिसटिल्ड वॉटर में घोलकर गाढ़ा लेप (पेस्ट) तैयार किया जाता है। इस पेस्ट को कुछ समय के लिए रखा जाता है ताकि यह अच्छी तहर से तैयार हो जाये। इसमें बहुत ही माइल्ड सॉल्ट और आवश्यकतानुसार पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अवशेष मात्रा में उपयुक्त कार्बनिक रसायन मिलाया जाता है। इस पेस्ट को मार्बल सतह पर ब्रश की सहायता से लगाया जाता है और पॉलीथिन शीट से ढक दिया जाता है। लगभग 48 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान मार्बल सतह पर जमा हानिकारक एसीडिक जमा पदार्थों को क्ले द्वारा अवशोषित/अधिशोषित हो जाते हैं। पूरी तरह सूख जाने पर यह क्ले अपने आप ही निकलने लगता है। बचे हुए क्ले को ब्रश द्वारा साफ कर दिया जाता है और अंत में डिसटिल्ड वॉटर द्वारा साफ कर दिया जाता है।
इन सालों में हुई है मड थेरेपी
2007-08, 2008-09, 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2020-21, 2021-22 व 2022-23 में मड थेरेपी से ताजमहल की दीवारों की सफाई की गयी।
ताज के लिए सुरक्षित नहीं है मड थेरेपी
एडवोकेट केसी जैन ने मांग की है कि ताजमहल पर बार-बार मड थेरेपी ना की जाए। यह ताजमहल के सतह को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने इस संबंधी में एएसआई आगरा की विज्ञान शाखा के तत्कालीन अधीक्षण पुरातत्व रसायनज्ञ डॉ. एमके भटनागर की 2017 में ताजमहल के बारे में ससपेन्डड पर्टिकुलेट मेटर के प्रारम्भिक अध्ययन में लिखे कोट को साझा किया है। इस कोट के अनुसार यह मिट्टी का पैक उपचार बार-बार करने के लिए संभावना नहीं है क्योंकि यह संभावना है कि मार्बल सतह की स्थिरता को थोड़ी सी प्रकार में प्रभावित कर सकता है और यहां तक कि राष्ट्र की पर्यटन गतिविधियों के कारण, निरंतर कार्यान्वयन की एक छोटी सी विधि का हिस्सा बनने के लिए स्कैफफोल्डिंग का स्थापन किया जा रहा है, जो एक समय सीमित हस्तांतरण का हिस्सा बन जाएगा। इसलिए, ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि प्रदूषण भार को कम करने के लिए विभिन्न निर्देशों को कड़ी मेहनत और समर्पण से कार्यान्वित किया जाए, जो समय-समय पर अधिकतम अदालत द्वारा जारी किए गए हैं।