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IPL में पहली बार कैप्टन कूल फेल, 6 वजहों से सेमीफाइनल से दूर हो रही धोनी की टीम

नई दिल्ली. महेंद्र सिंह धोनी का नाम आते ही उनके ‘मिडास टच’ की बात आती है। लेकिन आईपीएल-9 उनका जादू नहीं चल रहा है। उनकी टीम राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स आठ में से छह मैच हार चुकी है। इससे उसके सेमीफाइनल खेलने की उम्मीदें बेहद कम रह गई हैं। अब उनकी टीम बाकी बचे 6 मैच जीते, तब भी उसका सेमीफाइनल तक पहुंच पाना तय नहीं है। धोनी इस बार आईपीएल की नई टीम पुणे सुपरजायंट्स की कप्तानी कर रहे हैं। आईपीएल में कुछ ऐसा रहा है धोनी का जलवा…
– इससे पहले धोनी ने पिछले आठ साल चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी की थी।
– सुपरकिंग्स इनमें से दो बार चैंपियन बनी। चार बार रनरअप रही।
– दो बार चैंपियंस लीग की चैंपियन भी रही।
– जाहिर है इस साल पुणे फ्रेंचाइजी को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं। पुणे ने उन्हें पहली पसंद के तौर पर चुना और कप्तान भी बनाया। लेकिन इसे टीम कॉम्बिनेशन कहें या कुछ और धोनी इस बार न तो टीम और न ही फैन्स की उम्मीदों पर खरे उतरे।
हो सकते हैं ये 6 कारण
1. नए साथियों से तालमेल
अश्विन, रहाणे, डूप्लेसिस, एल्बी मोर्कल को छोड़ दें तो ज्यादातर खिलाड़ी धोनी की कप्तानी में पहली बार खेल रहे हैं। इसलिए टीम का कॉम्बिनेशन बनने में समय लग रहा हैं।
2. अश्विन का फ्लाॅप शो
रविचंद्रन अश्विन दुनिया के बेस्ट ऑफ स्पिनरों में से एक हैं। आईपीएल में बेहतरीन रिकॉर्ड रहा है। लेकिन इस बार वे 8 मैचों में 3 विकेट ही ले सके हैं।
3. बॉलिंग कमजोर
धोनी की टीम में अश्विन के अलावा एक भी ऐसा बॉलर नहीं है जिसे मैचविनर कहा जा सके। इशांत शर्मा, आरपी सिंह, इरफान पठान जैसे इंडियन पेसर फ्लॉप रहे हैं।
4. हार्डहिटर नहीं
अजिंक्य रहाणे और स्टीवन स्मिथ पुणे की टीम के दो सबसे कामयाब बैट्समैन हैं। लेकिन ये हार्डहिटर नहीं हैं। इससे पुणे की टीम शुरुआती ओवरों में अपोजिशन पर प्रेशर नहीं बना पाती।
5. चोट ने बढ़ाई परेशानी
धोनी की टीम के तीन विदेशी खिलाड़ी पीटरसन, डूप्लेसिस और मार्श चोट के कारण बाहर हो गए हैं। इससे टीम की परेशानी बढ़ गई है।
6. बड़ी पारी नहीं खेल पाए
धोनी की खुद की बैटिंग भी इस बार ज्यादा अट्रैक्ट नहीं कर रही। वे आठ मैचों में 141 रन ही बना सके हैं। उनका बेस्ट स्कोर 41 रन है।

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