फर्जी जमानत देने वाले गैंग को पुलिस ने दबोचा

40 हजार में लेते थे जमानत कराने का ठेका, पहले भी कई बार पकड़ा गया है गैंग का सरगना अश्वनी

आगरा (दीक्षित टाइम्स)। एसटीएफ ने फर्जी तरीके से जमानत देने वाले गैंग को पकड़ा है। ये लोग फर्जी आधार कार्ड, खतैनी व अन्य दस्तावेज के आधार पर जमानत करवाते थे। जमानत करने के एवज में 40 हजार रुपए लेते थे। पुलिस ने सात लोगों को जेल भेजा है।
एसटीएफ इंस्पेक्टर यतीश शर्मा ने बताया कि लंबे समय से एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि फर्जी तरीके से जेल में बंद लोगों की जमानत कराने वाले गिरोह सक्रिय है। ये गिरोह फर्जी दस्तावेज का सहारा लेकर जमानत कराता है। सोमवार को सूचना मिली कि गैंग के दो सदस्य रोहता नहर से दीवानी जा रहे है। ये लोग किसी की जमानत कराने की तैयारी में है। एसटीएफ ने दो लोगों को पकड़ा। इसकी निशानदेही पर पांच और लोगों को पकड़ा गया। पकड़े गए आरोपी गैंग सरगना अश्वनी ने बताया कि वो जेल में निरुद्ध लोग जिनका दीवानी में केस चल रहा होता था, उनसे संपर्क करते थे। 40 से 50 हजार रुपए में जमानतदार देने की बात कहते थे।
उसने बताया कि जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज मेराज हुसैन तैयार करता था। बंटी और प्रहलाद ने बनाया कि फर्जी जमानती बनने पर उन्हें 500 रुपए और पार्टी मिलती थी। मोहित और मयंक गुप्ता फर्जी मोहर तैयार करवाते थे। अश्वनी ने बताया कि उसके चार साथी हरिओम निवासी फतेहाबाद, कमल निवासी देवरी रोड, अशोक निवासी सुशील नगर व ममता निवासी बेलनगंज फर्जी जमानत देते हैं।
इनकी कराई जमानत अश्वनी ने बताया कि उसने कुछ दिन पहले गैंगस्टर एक्ट में बंद अजय निवासी नैनाना जाट की जमानत दी है। इन्होंने निर्मल निवासी मनिया के नाम से जमानत दी थी। इससे पहले भी कई जमानत करा चुके हैं। सभी को जेल भेज दिया है।