अहमदाबाद में एक साथ 35 लोग संन्यासी बने
दीक्षा लेने दिग्गज कारोबारी ने 500 करोड़ दान किए, 18 साल से कम उम्र के 10 बच्चे भी शामिल
अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में जैन समुदाय ने एक विशाल समारोह का आयोजन किया। इसमें रिकॉर्ड 35 लोगों दीक्षा लेकर संन्यास की राह पर निकल पड़े। इनमें 10 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, दीक्षा लेने वालों में गुजरात के दिग्गज कारोबारी भावेश भंडारी भी शामिल हैं, जिन्होंने दीक्षा लेने के लिए अपनी करीब 500 करोड़ की संपत्ति दान की है।
जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर परमात्मा महावीर स्वामी के 2550 वर्ष के निर्वाण उत्सव के मौके पर अहमदाबाद के साबरमती तट पर 5 दिवसाय भव्य दीक्षा समारोह आयोजित किया गया। आज समारोह का आखिरी दिन है।
मुमुक्षुओं में गुजरात के नामी बिजनेसमैन भावेश भाई भंडारी और उनकी पत्नी भी शामिल हैं। भावेश भाई और उनकी पत्नी ने अपने बच्चों से प्रेरित होकर ही दीक्षा लेने का फैसला किया। भावेश भाई के बच्चों ने साल 2022 में ही दीक्षा ले ली थी। भावेश भाई ने दीक्षा लेने के लिए अपनी करीब 500 करोड़ की संपत्ति दान की है। इन 35 लोगों में दस की उम्र 18 साल से कम है। इनमें भी सबसे छोटा 11 साल का लड़का है। भिक्षुक बनने वाले किशोरों में सूरत के 13 वर्षीय हेत शाह भी हैं। हेत ने ‘उपधान तप’ करने के लिए लगभग दो साल पहले अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके तहत व्यक्ति को 47 दिन तक घर से दूर एक संन्यासी की तरह रहना पड़ता है।
5 परिवार ऐसे, जिनके घरों में लगे ताले
दीक्षा लेने वाले इन 35 मुमुक्षु में से 5 परिवार तो ऐसे हैं, जिनके घरों में अब ताले लग गए हैं। इनमें कई परिवार ऐसे हैं, जिनके बच्चे या बड़े पहले दीक्षा ले चुके हैं और अब बाकी बचे सदस्यों ने भी संन्यास की राह चुन ली।
कपड़ा कारोबारी के दो जुड़वा बेटे दो साल पहले बने संत
कपड़ा कारोबारी रहे जसवंत और दीपिका शाह ने भी अब जैन संत बनकर श्वेत वस्त्र धारण कर लिया है। उनके दो जुड़वा बेटे अर्थ और अंश दो साल पहले ही दीक्षा ले चुके हैं। शाह दंपति ने अपने बेटों के नक्शेकदम पर चलते हुए तप का मार्ग चुना है। एक करोड़ टर्नओवर वाले कारोबार को उन्होंने अपनी बेटी हिमांशी के नाम पर कर दिया है। हिमांशी की जल्द ही शादी होने वाली है।