जनवरी-मार्च में 42% बढ़ी होम लोन डिमांड:ब्याज दरें बढ़ने के बावजूद रियल एस्टेट सेक्टर में मजबूत डिमांड के संकेत

होम लोन की डिमांड पर ब्याज दरें बढ़ने का कोई असर नहीं हुआ है। अक्टूबर-दिसंबर के मुकाबले जनवरी-मार्च तिमाही में होम लोन की डिमांड 42% ज्यादा रही। एक साल पहले यानी जनवरी-मार्च, 2022 से तुलना करें तो बीती तिमाही होम लोन की डिमांड में करीब 120% बढ़ोतरी हुई है।

प्रॉपर्टी साइट नोब्रोकर के एक सर्वे के मुताबिक, खास तौर पर कामकाजी युवा लोन लेकर घर खरीदना पसंद कर रहे हैं। फर्म ने अपने सर्वे में दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरू, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद जैसे टॉप प्रॉपर्टी मार्केट के 2,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया। इसके मुताबिक, युवा अब रियल एस्टेट को सुरक्षित और आकर्षक निवेश मान रहे हैं।

होम लोन अब भी ज्यादा महंगे नहीं: सर्वे
सर्वे में शामिल 78% लोगों ने कहा कि होम लोन की दरें न तो ज्यादा महंगी हैं और न ही सस्ती। हालांकि मई 2022 से अब तक रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 2.50% बढ़ाया है। इसके चलते होम लोन की औसत दर करीब 9% हो गई है, जो एक साल पहले 6.5% थी। देश का सबसे बड़ा बैंक SBI अभी 8.50% सालाना ब्याज पर लोन दे रहा है।

डाउन पेमेंट के लिए पर्सनल लोन
36 साल तक उम्र के ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है, जो डाउन पेमेंट के लिए पर्सनल लोन ले रहे हैं। ये घर की कीमत के 90% तक होम लोन ले रहे हैं। एनबीएफसी ऐसे ऑफर कर रही हैं।

  • 63% लोग घर लेना चाहते हैं, कोविड से पहले ऐसे लोग 49% थे।
  • मार्च तिमाही में 25-35 साल के 27% घर ग्राहकों ने लोन लिया। कोविड पूर्व ये 17% थे।

दरें घटने की उम्मीद
नोब्रोकर के सीईओ अमित कुमार अग्रवाल ने कहा, ‘आम तौर पर होम लोन 20 साल का होता है। इस दौरान दरें कम होने का दौर भी आ सकता है।’ वैसे भी अभी रेपो रेट 6.5% है, जबकि बीते 10-12 साल ये औसतन 6-8% रही है।