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म्यांमार सेना ने भीड़ पर बम बरसाए, 100 की मौत:20 मिनट तक हवाई फायरिंग करती रही सेना; UN बोला- हमले की रिपोर्ट परेशान करने वाली

म्यांमार की सेना ने मंगलवार को जेट से बम बरसाए और हवाई जहाज से लगातार 20 मिनट तक फायरिंग की। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इसमें दर्जनों महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

पाजीगी कस्बा सागैंग प्रांत में है। यह राजधानी नेपिडॉ से 260 किमी दूर है। आर्मी ने यह हमला तब किया जब पाजीगी शहर में पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस ( PDF) का ऑफिस खोल रहे थे। दरअसल, PDF देश में मिलिट्री के खिलाफ अभियान चला रही है। हमले के वक्त 300 से ज्यादा लोग वहां मौजूद थे।

UN ने कहा- यह हैरान करने वाला है
UN ने सेना की तरफ से किए गए हमले की निंदा की है। UN ह्यूमन राइट्स के हाई कमिश्नर वोल्कर तुर्क ने कहा कि हवाई हमले की रिपोर्ट परेशान करने वाली है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जब हेलीकॉप्टर से बम बरसाए गए तब एक हॉल में कई स्कूली बच्चे डांस कर रहे थे।

चश्मदीद ने बताया- सेना ने पहले बम गिराए, फिर गोलीबारी शुरू कर दी
2 साल पहले हुए तख्तापलट के बाद इसे सेना का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। हमले के दौरान वहां मौजूद एक व्यक्ति ने BBC को बताया कि गांव में सुबह 7 बजे सेना का जेट आया। इसने एक बम गिराया, जिसके बाद कई हेलिकॉप्टर्स से फायरिंग शुरू हो गई। ये गोलीबारी लगातार 20 मिनट तक जारी रही।

आस-पास रहने वाले लोगों ने इनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। इन वीडियो में चारों तरफ लाशें दिखाई दे रही हैं। वहां मौजूद लोगों के मुताबिक उन्होंने लाशें गिननी शुरू कीं, लेकिन डेड बॉडीज के हिस्से अलग-अलग जगह पर फैले होने के कारण वे नहीं गिन पाए।

2022 में सिर्फ हवाई हमले में 460 लोगों की मौत हुई
‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक म्यामांर में हवाई हमले रोज की कहानी बनते जा रहे हैं। सेना अपने विरोधियों पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसके चलते वह आम लोगों को निशाना बना रही है। म्यामांर विटनेस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 6 महीने में वहां इस तरह की 135 घटनाएं हो चुकी हैं।

1 फरवरी को म्यांमार में तख्तापलट के दो साल पूरे हो चुके हैं। साल 2021 में सेना ने वहां चुनी हुई आंग सान सू की सरकार को गिरा दिया था और उन्हें जेल में डाल दिया था। तब से लोग अलग-अलग तरीकों से सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। BBC के मुताबिक, जब सेना विरोधियों का सामना करने में जमीन पर कमजोर पड़ने लगी तो उसने हवाई हमले करने शुरू कर दिए।

2 साल में 31 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई
म्यांमार की न्यूज वेबसाइट ईरावाडी के मुताबिक दो साल में वहां 31,022 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 460 लोग 2022 में की गई एयर रेड में मारे गए। हवाई हमलों में मरने वाले ज्यादातर छोटे बच्चे हैं। UN के मुताबिक एयर रेड से परेशान होकर 11 लाख लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।

द इर्रावाडी के मुताबिक वहां 40 साल बाद पिछले साल जुलाई में मौत की सजा दी गई थी। सरकार ने एक्टिविस्ट को जिम्मी, नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के लॉमेकर को फ्यो जेया थॉ समेत दो और लोगों को फांसी पर लटकाया था। एक अनुमान के मुताबिक म्यांमार की सेना ने एक साल में लगभग 100 लोगों को मौत की सजा दी है।

चीन और रूसी फाइटर जेट्स से हमले
हाल ही में UN ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि म्यांमार अपने ही लोगों को मारने के लिए तेजी से अपने हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है। म्यांमार पाबंदियों के कारण दूसरे देशों से हथियार नहीं खरीद सकता है। इसके चलते वो खुद अपने हथियार बना रहा है।

इस काम में भारत, अमेरिका और जापान समेत 13 देशों की कंपनियां म्यांमार का साथ दे रही हैं। वहीं BBC की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि म्यांमार लोगों पर एयर रेड करने के लिए जिन एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल कर रहा है वो रूस और चीन के हैं।

 

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