अंतरराष्ट्रीय

200 दिन में गरीबी खत्म करेगा नॉर्थ कोरिया? तानाशाह किम ने छेड़ा ‘स्पीड कैम्पेन’

प्योंगयांग.नॉर्थ कोरिया का तानाशाह अपने देश में 200 दिनों के भीतर गरीबी खत्म करने में जुटा है। किम जोंग उन ने इसके लिए बकायदा प्लान बनाया है और उसे इम्प्लीमेंट भी किया जा रहा है। देश भर की फैक्ट्रियों में मजदूरों से जबरन काम कराए जा रहे हैं। इसके सबूत में पहली बार एक शू फैक्ट्री के फोटोज सामने आए हैं। यहां के मजदूरों को एक दिन में कम से कम 700 जोड़ी जूते बनाने को कहा गया है। किम ने क्यों किया ऐसा…
– तानाशाह किम जोंग उन ने इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए पूरे देश में ‘स्पीड कैम्पेन’ लॉन्च किया है।
– इसके तहत 200 दिन में गरीबी खत्म करने का टारगेट रखा है।
– देश में लोगों को हर हाल में प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए कहा गया है ताकि लखखड़ाती हुई इकोनॉमी को किक स्टार्ट मिल सके।
– किम की यह कोशिश नॉर्थ कोरिया को डेवलप करने के लिए उसके 5 ईयर इकोनॉमिक प्लान का हिस्सा है।
– इसे सरकार का दूसरा स्पीड कैम्पेन बताया जा रहा है। पहला कैम्पेन 70 दिनों पहले लॉन्च किया गया था।
– नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम के चलते इस देश पर अंतर्राष्ट्रीय पाबंदी लगी हुई है।
– इससे इकोनॉमी पर काफी असर पड़ा है। किम ने बीमार इकोनॉमी में जान फूंकना चाहता है।
टारगेट बढ़ाओ, बोनस लो
– वूंसन की एक फैक्ट्री के फोटो सामने आए हैं। ऑफिशियल्स के मुताबिक यहां 220 वर्कर्स से जबरन काम लिया जा रहा है।
– “नॉर्थ कोरिया के पूर्वी तट पर स्थित इस फैक्ट्री के वर्कर्स को 700 जोड़ी जूते हर दिन बनाने को कहा गया है।”
– “वर्कर्स अपनी बेसिक जरूरत पूरी करना चाहते हैं। लेकिन सरकार का कहना है कि फैक्ट्री अपने टारगेट बढ़ाती है तो उन्हें बोनस भी दिया जा सकता है।”
क्या दिख रहा है फोटोज में?
– फैक्ट्री की फोटोज में वर्कर्स अपनी यूनिफॉर्म पहनकर काम करते दिख रहे हैं।
– और फैक्ट्री की दीवारों पर रेड पार्टी के स्लोगन लिखे हुए हैं।
– यहां तैयार जूतों को पूरे देश के डिपार्टमेंट स्टोर्स में डिस्ट्रीब्यूट किया जाएगा।
– वूंसन की यह फैक्ट्री अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट नहीं करती है।
– फैक्ट्री के ऑफिशियल्स का कहना है कि हमसे सरकार की ‘सेल्फ रिलायंस’ (आत्मनिर्भरता) फिलॉसफी काे सख्ती से फॉलो करने को कहा गया है।
– “इसलिए यहां डोमेस्टिक मैटिरियल्स और लोकल मशीनरी से ही प्रोडक्ट्स तैयार किए जाते हैं।”

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