कनाडा में फिर हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़:आरोपियों ने दीवार पर भारत-मोदी विरोधी नारे लिखे, 9 महीने में यहां ऐसी 5वीं घटना

कनाडा के ओंटारियो में एक बार फिर हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ की गई। इस दौरान आरोपियों ने मंदिर की दीवार पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में नारे भी लिखे। ओंटारियो के विंसडर शहर के BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर में बुधवार को रात करीब 12 बजे ये घटना सामने आई।

पुलिस को पूरे मामले का एक CCTV फुटेज भी मिला है। इसमें 2 आरोपी मंदिर की दीवार पर नारे लिखते नजर आ रहे हैं। विंसडर पुलिस सर्विस ने दोनों आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर CCTV फुटेज जारी कर आरोपियों को वॉन्टेड घोषित कर दिया है। कनाडा में पिछले साल जुलाई के बाद से इस तरह की पांचवी घटना है।

मंदिर प्रबंधन ने स्टाफ को सचेत किया
मंदिर में काम करने वाले हर्षल पटेल ने कहा- हम मंदिर की दीवार पर नारे लिखे देख चौंक गए। ऐसा यहां 20 साल में पहली बार हुआ है। हमने तुरंत लोकल पुलिस को इसकी सूचना दी। मंदिर में सभी स्टाफ को आगे के लिए आगह कर दिया गया है। वहीं घटना के बाद से शहर की हिन्दू कम्यूनिटी गुस्से में है।

23 मार्च को महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ी थी
इससे पहले 27 मार्च को भी कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी में महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ी गई थी। वहीं 23 मार्च को ओंटारियो प्रांत के हेमिल्टन शहर के सिटी हॉल में लगी महात्मा गांधी की मूर्ति पर भी तोड़फोड़ की गई थी। खालिस्तान के समर्थकों ने उस पर स्प्रे पेंट से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लिखे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक खालिस्तानियों ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर कई अपमानजनक बातें भी लिखीं थीं।

कनाडा के मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं

1. 30 जनवरी को कनाडा के मिसिसॉगा शहर के राम मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। खालिस्तानी समर्थकों ने मंदिर की दीवार पर भारत विरोधी नारे लिखे थे। हिंदू हेरिटेज सेंटर (HHC) में 2 व्यक्तियों ने दान पेटी और मुख्य कार्यालय में तोड़फोड़ की थी।

2. 25 जनवरी को ब्रैम्पटन शहर के गौरी शंकर मंदिर में भी इस तरह की घटना सामने आई थी। जिसके बाद भारतीय कॉन्सुलेट जनरल ने बयान जारी कर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की थी।

3. इससे पहले 15 जनवरी को इसी शहर में हनुमान मंदिर में तोड़-फोड़ हुई।

4. नवंबर में पहली बार ब्रैम्पटन शहर में हिंदू सभा मंदिर और जगन्नाथ मंदिर में तोड़फोड़ की वारदात सामने आई थी।

कनाडा में खालिस्तानियों की वजह से भारतीय राजदूत का प्लान कैंसिल
महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ने की घटना से ठीक पहले कनाडा की सरकार ने खालिस्तानियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का आश्वसन दिया था। दरअसल, कनाडा के शहर ओटावा में खालिस्तानियों ने एक प्रदर्शन किया था। इसमें प्रदर्शनकारियों ने एक भारतीय पत्रकार के साथ अभद्रता भी की थी।

खालिस्तानियों के प्रदर्शन के चलते भारतीय राजदूत को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में होने वाले प्रोग्राम में जाने का प्लान कैंसिल करना पड़ा था। जिसके बाद कनाडा के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर आश्वसन दिया था कि वो खालिस्तानियों के उपद्रव के खिलाफ सख्त एक्शन लेंगे।

खालिस्तानियों ने लंदन और सैन फ्रांसिस्को में किया था भारत विरोधी प्रदर्शन
लंदन में रविवार को भारतीय हाई कमीशन में तिरंगे के अपमान के बाद खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भी इंडियन कॉन्स्यूलेट पर हमला किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- रविवार को यहां भी खालिस्तान समर्थक जुटे। इन लोगों ने स्प्रे पेंट्स से अमृतपाल को रिहा करो.. लिख दिया। इन लोगों ने कॉन्स्यूलेट के गेट्स तोड़ दिए। वहां खालिस्तान के झंडे लगा दिए थे।

लंदन में तिरंगे का अपमान करने वाला गिरफ्तार
लंदन स्थित भारतीय हाई कमीशन के बाहर तिरंगे का अपमान करने वाले खालिस्तानी समर्थक अवतार सिंह खंडा को ब्रिटेन में गिरफ्तार कर लिया गया था। खंडा प्रतिबंधित ग्रुप बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का सदस्य है। वहीं पंजाब में चल रही जांच में भी सामने आ रहा है कि खंडा ही अमृतपाल का हैंडलर है।