अंतरराष्ट्रीय

अमेरिकी सीनेटरों ने पेश किया क्वाड स्पेस एक्ट विधेयक


वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेटर केविन क्रैमर और माइकल बेनेट ने 2025 का क्वाड स्पेस एक्ट विधेयक पेश किया है। इसका मकसद क्वाड देशों के साथ अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ाना है। इस विधेयक के तहत, अमेरिका के रक्षा मंत्री क्वाड देशों के साथ मिलकर अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों जैसे- अंतरिक्ष में प्रथाओं के निर्माण, अंतरिक्ष की निगरानी और अंतरिक्ष औद्योगिक नीति से जुड़े मुद्दों पर आपसी हित के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए चर्चा कर सकेंगे।
प्रेस विज्ञाप्ति के अनुसार, सीनेटर क्रैमर ने कहा कि चीन और रूस जैसे देश अपने हितों को बढ़ाने के लिए अंतरिक्ष की ताकत का तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिका को अपने भरोसेमंद साथियों (क्वाड देशों) के साथ मिलकर अंतरिक्ष में अपनी भूमिका मजबूत करनी चाहिए, ताकि भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।
क्रैमर ने आगे कहा कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा और समृद्धि की रक्षा के लिए अंतरिक्ष में प्रभुत्व बनाए रखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि क्वाड स्पेस एक्ट हमारे विश्वसनीय भागीदारों के साथ मिलकर अंतरिक्ष में काम करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
वहीं, सीनेटर माइकल बेनेट ने इस बात पर जोर दिया कि क्वाड स्पेस एक्ट चारों क्वाड देशों को अंतरिक्ष में मौजूद वस्तुओं को ट्रैक करने, सुरक्षित मिशनों को सुनिश्चित करने और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने में मदद करेगा। बेनेट ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘चूंकि चीन और रूस अंतरिक्ष में तेजी से खतरनाक गतिविधियां कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका को अपने क्वाड साझेदारों के साथ मिलकर एक सुरक्षित और स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए काम करना चाहिए।’
चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता (क्वाड) भारत, अमेरिका, जापान और आॅस्ट्रेलिया के बीच एक कूटनीतिक साझेदारी है। इसका उद्देश्य एक स्वतंत्र, स्थिर, समावेशी और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
इससे पहले जनवरी में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपने पदभार ग्रहण करने के पहले दिन, क्वाड गठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए आॅस्ट्रेलिया, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों की मेजबानी की थी। उन्होंने अपने क्वाड समकक्षों- विदेश मंत्री एस जयशंकर, जापान के ताकेशी इवाया और आॅस्ट्रेलिया की पेनी वोंग के साथ अमेरिकी विदेश विभाग में बैठक की। एक संयुक्त बयान में, क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को मजबूत करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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