राहुल गांधी के मामले पर जर्मनी ने भी जताई चिंता:विदेश मंत्रालय बोला- हमें उम्मीद है कोर्ट मौलिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के तहत मामला सुनेगा

राहुल गांधी की संसद की सदस्यता जाने के बाद से न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अमेरिका के बाद अब जर्मनी ने भी इस पूरे मामले पर नजर बनाए रखने की बात कही है। राहुल को संसद से बर्खास्त किए जाने पर जर्मनी ने चिंता जाहिर की है।

जर्मनी के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि राहुल गांधी के मामले की जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए। हमें उम्मीद है कि कोर्ट उनकी सदस्यता जाने के मामले की सुनवाई मौलिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखकर करेगी।

फैसले के बाद ही कुछ कहा जा सकता है
जर्मनी की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता के बयान को वहां के सरकारी टीवी चैनल डॉयचे वेले पर दिखाया गया।इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी अभी ऐसी परिस्थिति में हैं कि वो कोर्ट में अपील कर सकते हैं।

कोर्ट के फैसले के बाद ही ये पता चल सकेगा कि उनको जिस आधार पर बर्खास्त किया गया वो ठीक है या गलत।

राहुल गांधी के मामले पर अमेरिका की भी नजर

जर्मनी से पहले 27 फरवरी को अमेरिका ने भी राहुल गांधी के मामले पर नजर बनाए रखने की बात कही थी। अमेरिकी सरकार के डिप्टी स्पोक्सपर्सन वेदांत पटेल सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। इस दौरान उनसे राहुल गांधी को डिस्क्वालिफाई किए जाने पर सवाल किया गया।

पटेल ने कहा, “अमेरिका अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतांत्रिक मूल्यों पर भारत के साथ जुड़ा हुआ है। न्यायिक स्वतंत्रता और कानून के शासन के लिए सम्मान किसी भी देश में लोकतंत्र की बुनियाद है। लोकतांत्रिक मूल्य, ह्यूमन राइट्स और अभिव्यक्ति की आजादी दोनों देशों में लोकतंत्र को और मजबूती देने के लिए अहम हैं।”​​​​​​

24 मार्च को खत्म हुई थी राहुल गांधी की सदस्यता

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता 24 मार्च को दोपहर करीब 2:30 बजे रद्द कर दी गई थी। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी थी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया। राहुल ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है।

सूरत पश्चिम के BJP विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। इस केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार 23 मार्च को राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, 27 मिनट बाद ही उन्हें जमानत मिल गई थी।