जीएसटी के बाद मोदी सरकार का लेबर रिफॉर्म्स, हायरिंग-फायरिंग होगी आसान
नई दिल्ली
गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के बाद मोदी सरकार अब लेबर लॉ (श्रम कानून) की दिशा में बड़ा बदलाव लाने की योजना पर काम कर रही है। अगर यह योजना परवान चढ़ी तो कंपनियों द्वारा हायर और फायर (नियुक्ति और जॉब से निकालना) करना आसान हो जाएगा। साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि इसकी वजह से लाखों नई नौकरियां पैदा होंगी। श्रम मंत्रालय के एक टॉप अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी।
श्रम मंत्रालय के सेक्रटरी शंकर अग्रवाल ने कहा कि देश के सबसे बड़े टैक्स रिफॉर्म गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के पास होने के बाद सरकार को लगता है कि यही सही वक्त है जब लेबर रिफॉर्म्स को फिर से प्राथमिकता दी जाए। बता दें कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी ने अपने रिफॉर्म अजेंडे के तहत लेबर मार्केट में बड़ा बदलाव करने की कोशिश की थी लेकिन ट्रेड यूनियनों और सुधार से संबंधित बाकी विधेयकों की वजह से उस वक्त यह परवान नहीं चढ़ सका।
एक इंटरव्यू मे शंकर अग्रवाल ने कहा, ‘हमें कानून में सुधार करना होगा। नौकरियों के लिए नियुक्ति करने के मामले में कंपनियां और नियोक्ताएं लचीलापन चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल रिलेशन्स और वेज (मेहनताना) से जुड़े दो अहम विधेयकों को इस महीने कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। अगर कैबिनेट से इन्हें मंजूरी मिल जाएगी तो फिर अगले सत्र में इन्हें संसद में पेश किया जाएगा।