Football: बेल्जियम की एक लीग के दौरान हादसा, दो मिनट पहले पेनाल्टी बचाई पर खुद की जान नहीं बचा सका गोलकीपर

टीम के सहायक कोच स्टीफन डेवरचिन ने बताया कि उस समय मैच चल रहा था। आर्ने ने पेनाल्टी बचाई, उसके बाद तेजी से खड़े हो गए और अचानक गिर पड़े। यह सब देखना बेहद भयावह था।

बेल्जियम की द्वितीय श्रेणी की लीग में खेलते हुए विंकेल स्पोर्ट बी टीम के 25 साल के गोलकीपर आर्ने एस्पील ने मैच के दौरान एक पेनाल्टी बचाई लेकिन उसके बाद वह मैदान पर गिर गए और उठे ही नहीं। उनका निधन हो गया। हादसा वेस्ट्रोजेबेके टीम के खिलाफ मैच के दौरान दूसरे हाफ का है, तब टीम 2-1 से बढ़त पर थी। मैच वहीं अधूरा समाप्त हो गया।

टीम के सहायक कोच स्टीफन डेवरचिन ने बताया कि उस समय मैच चल रहा था। आर्ने ने पेनाल्टी बचाई, उसके बाद तेजी से खड़े हो गए और अचानक गिर पड़े। यह सब देखना बेहद भयावह था। तुरंत चिकित्सकीय दल बुलाया गया और उन्होंने गोलकीपर की जान बचाने के लिए जो कुछ किया जाना था वो किया लेकिन अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। कई खिलाड़ियों को पता ही नहीं चला कि मैच में अचानक ऐसा क्या हुआ कि खेल रुक गया। अब पोस्टमार्टम में ही उनकी मौत के कारणों का पता चल पाएगा।

सम्मान में निकलेगी शोक यात्रा
विंकेल स्पोर्ट बी क्लब के सदस्य, प्रशंसक, खिलाड़ी और एस्पील के दोस्त एवं परिजन मिलकर उनके सम्मान में वेस्ट फ्लेंडर्स प्रांत की गलियों में एक शोक यात्रा निकालेंगे। हादसे के बाद बेल्जियम क्लब ने बयान में कहा कि, पूरा क्लब आर्ने एस्पील के असामयिक निधन से शोक में हैं। हम उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनाएं प्रकट करते हैं। क्लब के निदेशक पैट्रिक रोटसेइर्ट ने कहा कि यह बड़ा दुखद है। आर्ने पूरी जिंदगी हमारे क्लब में रहे। हम सब उन्हें बेहद प्यार करते थे। यह क्लब के लिए बहुत बड़ा झटका है।

ब्राजीली लीग में मैच के दौरान बुलानी पड़ी मिलिट्री
रियो डि जेनेरियो। उरुग्वे के लुइस सुआरेज जब से ग्रेमियो क्लब में आए हैं, तब से शानदार फॉर्म में हैं। पांच मैचों में सात गोल कर चुके हैं। क्लब के ब्राजीलियन सीरी बी में एस्पोर्ट क्लब अवेनिदा के खिलाफ मुकाबले में 2-0 से विजयी रही। इस मैच के दौरान इस कदर झगड़ा बढ़ गया कि रेफरी को बचाने के लिए मैदान में मौजूद सेना को बुलाना पड़ा। दरअसल एक फाउल को लेकर खिलाड़ियों के बीच चल रही नोकझोक के बीच सुआरेज ने तेजी से फ्री किक लेते हुए साथी फ्रेंको क्रिस्टियाल्डो को दी, जिन्होंने गोल कर दिया। उसके बाद झगड़ा बढ़ गया। इसके बाद झगड़ा और बढ़ गया। अवेनिदा के खिलाड़ियों ने दोनों रेफरियों को घेर लिया और गोल को अमान्य दिए जाने की मांग करने लगे। कुछ खिलाड़ियों के तेवर बेहद आक्रामक थे। सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा।