कल पति था, अब रेपिस्ट बन गया:असम में चाइल्ड मैरिज कानून में 2763 लोग जेल में; परिवार बोले- शादी नहीं, कॉन्ट्रैक्ट हुआ

‘3 फरवरी की रात थी। करीब 1 बजे होंगे। हम सब सो रहे थे। किसी ने जोर से दरवाजा पीटा। मैं जाग गया। दरवाजा खोलने में डर लग रहा था। खोला तो सामने 6-7 पुलिसवाले थे, उन्होंने मुझे धक्का दिया और दरवाजे पर लात मारते हुए अंदर आ गए। मैंने पूछा- क्या हुआ, तो उनमें से एक ने कहा- पुलिस स्टेशन चलो, पूछताछ करनी है। मेरे बेटे को भी जगाया। हम दोनों को पुलिस स्टेशन ले गए। कुछ समझ ही नहीं आया था कि हो क्या रहा है। थोड़ी देर बाद बोले, तुम्हारे बेटे ने नाबालिग से निकाह किया है। तुमने उसकी मदद की, इसलिए पकड़ा है।’

मोहर अली ये बताते हुए अभी भी डरे हुए नजर आते हैं। वे बेटे को याद करते हैं, तो गला रुंध जाता है। फिर खुद को संभालते हुए कहते हैं, ‘तीन दिन तक बारपेटा डिस्ट्रिक्ट जेल में बंद था, न खाना मिला, न पानी। फिर मुझे छोड़ दिया, लेकिन बेटा फजल (बदला हुआ नाम) अब भी जेल में है। उस पर नाबालिग लड़की से रेप का इल्जाम लगा है।’

शादी नहीं, सिर्फ शादी का कॉन्ट्रैक्ट किया
मोहर अली मुझे कहानी सुना रहे थे, इसी बीच फजल की मां रहीमा एक कागज ले आईं। ये 2021 में बना एक कॉन्ट्रैक्ट (नोटरी) पेपर है। उसे दिखाते हुए बोलीं- ‘हमने बेटे की शादी नहीं की। दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे, इसलिए हमने एक कॉन्ट्रैक्ट किया था कि दोनों 18 साल से ज्यादा के हो जाएंगे, तो शादी करा देंगे। पुलिसवालों को पेपर भी दिखाया, लेकिन वे नहीं माने।

गोद में 6 महीने की बेटी है, पुलिस को उस पर भी दया नहीं आई’
बारपेटा के मोवली कस्बे में मुझे अख्तरा खातून मिलीं। गोद में 6 महीने की बच्ची थी। अख्तरा ने बताया, ‘मेरी उम्र 21 साल 6 महीने और 5 दिन है। मेरी शादी मार्च 2021 में हुई थी। उस समय भी मैं बालिग थी। प्रेग्नेंट हुई तो आशा वर्कर मेरे पास आई थीं। मैंने गलती से उन्हें अपनी गलत उम्र बता दी। उसी पर अब पुलिस ने मेरे पति को अरेस्ट कर लिया है।’

मेरे पति को ही मेरा रेपिस्ट बना दिया’
करीब 5 हजार की आबादी वाले होवली से पुलिस ने 9 फरवरी तक 26 लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें से ज्यादातर BPL कार्ड वाले यानी गरीबी रेखा से नीचे वाले हैं। यहां मेरी मुलाकात 6 महीने की प्रेग्नेंट निशा (बदला हुआ नाम) से हुई।

निशा के मुताबिक, उनकी शादी मार्च 2022 में हुई थी। वे अपनी उम्र 17 साल से ज्यादा बताती हैं, लेकिन उनके हाथ में प्रेग्नेंसी का हेल्थ कार्ड था, उसमें उम्र 16 साल लिखी है। इसी को आधार बनाते हुए पुलिस ने उनके पति को अरेस्ट कर लिया है।

वे कहती हैं, ‘मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मैं कहां जाऊं, अगर वो बाहर नहीं आए तो मर जाऊंगी, मेरे साथ पेट में पल रहा बच्चा भी खत्म हो जाएगा।’

‘लड़की अपनी मर्जी से आई और लड़के के साथ रहने लगी’
निशा से मिलकर मैं आगे बढ़ा तो पड़ोस में रहने वाले रुबिल हसन ने रोक लिया। 4 अक्टूबर की रात उनके भतीजे और भाई मलिक अली को पुलिस पूछताछ के लिए ले गई थी। इसके बाद से ही वे जेल में हैं।

हसन बताते हैं, ‘23 जनवरी की दोपहर अचानक नाजिया (बदला हुआ नाम) घर आई और कहने लगी कि वो मेरे भतीजे राहिल (बदला हुआ नाम) से प्यार करती है। उसने बताया कि वह पिता का घर छोड़कर आई है और वापस नहीं जाएगी। हमें लगा बच्चे आपस में प्यार करते हैं, तो उसे अपना लिया, तभी से वो इसी घर में रहने लगी। दोनों नाबालिग थे, इसलिए उनकी शादी नहीं हुई थी।’

‘गांव में किसी ने शिकायत की और पुलिस रात के ढाई बजे आई, भाई और भतीजे को उठा ले गई। पुलिस के पास लड़के-लड़की की साथ की एक फोटो थी। इसी के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई है। मेरा भाई मजदूर है, उसके जेल जाने से घर में तंगी हो गई है।’

नाबालिग बेटी की शादी कराने के आरोप में पिता गिरफ्तार
9वीं क्लास की स्टूडेंट नसरीन (बदला हुआ नाम) के पिता भी जेल में बंद हैं। पुलिस नाबालिग बेटी की शादी करवाने के आरोप में उन्हें ले गई। नसरीन कहती हैं, ‘मैं सफ्फिकुर से प्यार जरूर करती हूं, लेकिन अभी हमारी शादी नहीं हुई है। मैं अभी 18 साल की नहीं हूं, जब बालिग हो जाऊंगी तो हम शादी करेंगे।’

नसरीन की मां शबाना कहती हैं, ‘हमारे ऊपर ज्यादती की जा रही है। मेरी बेटी बहुत कमजोर है, इसलिए हम अभी उसकी शादी नहीं करने वाले थे। हां, हमने आगे के लिए सिर्फ लड़के के परिवार से बातचीत शुरू की थी। मैं बस इतना चाहती हूं कि पुलिस मेरे पति को रिहा कर दें।’

ऐसी ही कहानी कोहिनूर बेगम की भी है। वे बताती हैं, ‘5 फरवरी को पुलिस रात में एक बजे घर में घुस गई, बेटे और पति सकीबुल हक को गाड़ी में बैठाकर थाने ले गई। मैं उन्हें बेटे का आधार कार्ड दिखाती रही। बेटे ने शादी नहीं की है, वो सिर्फ एक लड़की से प्यार करता है। लड़की के पिता तैयार हैं, इसलिए लड़की मौसी के घर गई थी। किसी ने पुलिस को बताया कि वह ससुराल में है। इसलिए पुलिस इसे बाल विवाह मानकर उन्हें ले गई।’यहीं मुझे कोहिनूर के बेटे का का आधार कार्ड मिला, इसके हिसाब से उसकी उम्र 17 साल है।

POCSO एक्ट की वजह से जमानत नहीं
होवली कस्बे में अरेस्ट हुए 9 लोगों का केस देख रहे एडवोकेट सैफुल इस्लाम ने बताया, ‘गिरफ्तारी के बाद ये केस मेरे पास आए थे। पुलिस ने इन्हें अरेस्ट तो कर लिया, लेकिन इनके नाबालिग होने का कोई डॉक्यूमेंट अब तक अदालत के सामने पेश नहीं किया है। गिरफ्तार हुए सभी लड़कों पर POCSO एक्ट लगाया गया है। यह गैरजमानती धारा है। यही कारण है कि इनकी जमानत नहीं हो पा रही है। बाल विवाह पर दो साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

नाबालिग का शादी करना और गिरफ्तारी का तरीका, दोनों गलत
सैफुल बताते हैं- ‘पुलिस मुखबिरों की गलत सूचना पर कार्रवाई कर रही है। ज्यादातर उन लोगों को अरेस्ट किया गया, जो एक दूसरे को पसंद करते हैं और जिनकी सगाई या कॉन्ट्रैक्ट हुआ है। चाइल्ड मैरिज तो कानूनन गलत है, नाबालिगों के बीच या उनके साथ सेक्शुअल रिलेशन भी POCSO एक्ट के तहत रेप माना जाता है।’

‘हमारा कहना सिर्फ इतना है कि अगर पुलिस के पास सबूत हैं, तो उसे अदालत में पेश करना चाहिए। किसी को भी गिरफ्तार करने से पहले नोटिस देकर उसे पुलिस स्टेशन आने के लिए कहना चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। अब हम अदालत में फिर से अर्जी देंगे और अपने सबूत रखकर जमानत मांगेंगे।’

शादी करवाने वाले मौलवी भी अरेस्ट किए गए
सैफुल के मुताबिक, ‘मैंने नाबालिगों की शादी करवाने के आरोप में गिरफ्तार तीन काजियों को भी जमानत पर रिहा करवाया है। इस घटना के बाद से उनके मन में डर बैठ गया है और वे बालिगों का निकाह करवाने से भी डर रहे हैं।’

दो पीड़ितों के वकील इकबाल अहमद भी बताते हैं, ‘पुलिस ने इन्हें सिर्फ सस्पेक्ट मानते हुए गिरफ्तार किया है। पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था, लेकिन पुलिस सीधे आई और गिरफ्तार कर लिया।’

कार्रवाई सही, लेकिन तरीका गलत: मुस्लिम स्कॉलर
बाल विवाह पर की जा रही कार्रवाई पर मुस्लिम स्कॉलर अब्दुल अजीज कहते हैं- ‘कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसका तरीका गलत है। असम में चाइल्ड मैरिज के खिलाफ 2006 में बिल पास हुआ था, उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब अचानक यह कदम उठाया जा रहा है, यह सरकार की मंशा पर शक खड़ा करता है।’

‘पुलिस ने जिन लोगों को अरेस्ट किया है, उनमें से ज्यादातर सीरियस मामले नहीं है। कई लोगों को सिर्फ झूठी सूचना पर गिरफ्तार किया गया है। वे गरीब हैं और पढ़े-लिखे नहीं हैं। ऐसे में सरकार को नरमी बरतनी चाहिए। गिरफ्तार करने से पहले उन्हें किसी ने बताया नहीं, इससे साबित होता है कि सिर्फ दिखाने के लिए एक्शन हो रहा है।’

क्या इससे कोई बदलाव आने वाला है, इसके जवाब में अब्दुल अजीज कहते हैं कि ’बदलाव के लिए अवेयरनेस, नॉलेज और सोशल सिस्टमैटिक प्रोसेस की जरूरत है। डर फैलाकर लोगों को सिर्फ दबाया जा सकता है।’

राज्य में बन रहीं अस्थायी जेलें
असम पुलिस अब तक चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत 4,135 केस दर्ज कर चुकी है। 2,763 लोग जेल में बंद हैं। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा कह चुके हैं कि ये अभियान 2026 तक चलेगा। इस लिहाज से राज्य में नई अस्थायी जेलें बनाई जा रही हैं, ताकि जेलों में जगह न बचने पर इनका इस्तेमाल हो सके।

कछार जिले के SP नोमल महट्टा कहते हैं कि ‘हमें अस्थायी जेल बनाने की मंजूरी मिल गई है। इसे सिलचर के पास एक सरकारी इमारत में बनाया जाएगा। गोलपारा में मटिया में अवैध शरणार्थियों के लिए ट्रांजिट कैंप बनाया गया था। इसमें भी बाल विवाह के मामलों में आरोपियों को रखा जा रहा है। यहां 3 हजार लोगों को रखा जा सकता है।’

हमें सरकार ने निर्देश दिए थे, FIR के आधार पर कार्रवाई की: पुलिस
असम पुलिस के प्रवक्ता प्रशांत भूयान कहते हैं- ‘हम गैरकानूनी तरीके से शादी करने वालों पर कार्रवाई कर रहे हैं। इनके खिलाफ FIR और लिखित शिकायत दर्ज हुई है। इसके पीछे कोई भी मोटिव नहीं है। अगर हमें कोई जानकारी दे रहा है, तो हम पहले उसकी जांच कर केस दर्ज कर रहे हैं। कोई हमारे पास FIR के साथ आता है, तो हमें कार्रवाई करनी ही पड़ेगी।’