UCC Guideline: शैक्षणिक सत्र 2023-24 से स्नातक में पर्यावरण की पढ़ाई अनिवार्य, ड्रॉफ्ट गाइडलाइन तैयार
नई दिल्ली। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से स्नातक प्रोग्राम के सभी छात्रों को पर्यावरण की पढ़ाई करना अनिवार्य होगा। यूजीसी ने इसके लिए गाइडलाइन तैयार कर ली है।
नई दिल्ली। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से स्नातक प्रोग्राम के सभी छात्रों को पर्यावरण की पढ़ाई करना अनिवार्य होगा। इंजीनियरिंग, मेडिकल, आर्किटेक्चर, फार्मेसी, मैनेजमेंट समेत अन्य सभी कोर्स के छात्रों को पर्यावरण के बारे में पढ़ना और जानना जरूरी रहेगाा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत पर्यावरण शिक्षा पर आधारित ड्रॉफ्ट गाइडलाइन तैयार कर ली है। इसमें नौ विषयों, 30 घंटे की पढ़ाई और चार क्रेडिट मिलेंगे। खास बात यह है कि किताबों में पर्यावरण की जानकारी लेने के साथ-साथ छात्रों को केस स्ट्डी के साथ फील्ड वर्क में जाकर काम भी करना होगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि यूजीसी ने पर्यावरण शिक्षा पर आधारित ड्रॉफ्ट गाइडलाइन तैयार कर ली है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में पर्यावरण शिक्षा को पाठ्यक्रम में सबसे जरूरी माना गया है। पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों को इसके संरक्षण और सतत विकास के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाना है। इसे सामुदायिक जुड़ाव और सेवा, पर्यावरण शिक्षा और मूल्य-आधारित शिक्षा के आधार पर तैयार किया गया है।
एक सेमेस्टर में एक क्रेडिट जरूरी
स्नातक प्रोग्राम के पाठ्यक्रम में नौ विषयों को शामिल गया है। कुल 30 घंटों की क्लासरूम स्ट्डी में एक विषय चार घंटे तो अन्य छह-छह घंटों के हैं। इसके कुल चार क्रेडिट होंगे।