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तुर्किये-सीरिया त्रासदी में करीब 8 हजार मौतें:दो भूकंप से तुर्किये 10 फीट खिसका, सीरिया की तुलना में 5-6 मीटर और अंदर धसने की आशंका

तुर्किये और सीरिया में भूकंप से हालात बदतर होते जा रहे हैं। अब तक कुल 7,926 लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों की संख्या 25 हजार के करीब पहुंच गई है। दोनों देशों की मदद के लिए 70 से भी ज्यादा देश आगे आए हैं।

भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये था। इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां टैक्टोनिक प्लेट्स 10 फीट (3 मीटर) तक खिसक गईं। दरअसल, ये प्लेट्स हैं- एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट, यूरोशियन और अरबियन प्लेट।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट और अरबियन प्लेट एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर खिसक गई हैं। इसके चलते तुर्किये अपनी भौगोलिक जगह से 10 फीट खिसक गया है। इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी ने बताया कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते हो सकता है कि तुर्किये, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर (लगभग 20 फीट) और अंदर धस गया हो। उन्होंने कहा- हालांकि ये जानकारी शुरुआती डेटा से मिली है। आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी।

भूकंप के बड़े अपडेट्स…

  • वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि मौत का आंकड़ा 20 हजार के पार जा सकता है।
  • ​​​​​तुर्किये में 5,894 लोगों की जान जा चुकी है और 34 हजार 810 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।
  • सीरिया में 1,932 लोग मारे गए और 3,849 से ज्यादा जख्मी हैं। इस तरह मरने वालों की संख्या बढ़कर 7,926 हो गई है।
  • तुर्किये में 8 हजार लोगों को बचा लिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 24 हजार से ज्यादा बचावकर्मी तैनात किए हैं। यहां लगभग 3 लाख 80 हजार लोगों ने सरकारी शेल्टर और होटलों में शरण ली है।
  • 6 फरवरी को आए थे 3 बड़े भूकंप

    • तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी को सुबह 3 बड़े भूकंप आए थे। तुर्किये के वक्त के मुताबिक, पहला भूकंप सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया।
    • इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स भी दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। तुर्किये में 7 फरवरी सुबह 8.53 पर फिर भूकंप आया। इसके बाद दोपहर 12.41 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया।

      कड़ाके की ठंड ने परेशानी बढ़ाई
      तुर्किये के कई शहरों में तापमान 9 से माइनस 2 डिग्री सेलसियस पहुंच गया है। UN ने कहा है कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है।

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