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बांग्लादेशी घुसपैठिए: पुलिस जांच में बड़ा खुलासा, हवाला से बांग्लादेश भेजे जाते थे रुपये

हालिम दिखाने के लिए अस्पताल में सफाई का काम करता था, लेकिन उसका मुख्य काम बंग्लादेश से लोगों के घुसपैठ कराना था। इससे मिलने वाली रकम के वह हवाला के जरिए अपने देश में भेजता था।आईबी के इनपुट पर आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-14 में पकड़े गए बांग्लादेशी हालिम ने ठिकाना तो आगरा में बनाया था, लेकिन काम अपने लोगों के लिए कर रहा था। घुसपैठ से मिलने वाली रकम को पश्चिम बंगाल के एजेंट के माध्यम से अपने देश भेजता था। पुलिस को हालिम के खाते और ऑनलाइन लेनदेन की जानकारी मिली है। नवंबर और दिसंबर 2022 में ही उसने डेढ़-डेढ़ लाख रुपये भेजे थे। इससे पहले वो कभी 50 हजार तो कभी एक लाख रुपये तक हर महीने भेज चुका है। यह रकम हवाला से पहुंचती थी।बांग्लादेश के जिला बरौरहट स्थित थाना मौरलगंज निवासी हालिम 15 साल पहले भारत आया था। आईबी की सूचना पर थाना सिकंदरा पुलिस ने उसे चार फरवरी की रात को गिरफ्तार किया था।

वह कैलाश मोड़ पर किराये के मकान में रहता था। सेक्टर 14 में बांग्लादेशियों ने बस्ती बना रखी थी। वह बस्ती में रहने वाले अपने देश के लोगों से मिलने आता था। घुसपैठ कराने में मदद करता था। इसके लिए रकम लेता था।पुलिस की पूछताछ में पता चला कि वो एक अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट उठाने का काम करता था। इससे उसे हर महीने 18 हजार रुपये मिलते थे। इससे हर साल की कमाई 2.16 लाख रुपये थी। दिखाने के लिए वो अस्पताल का कर्मचारी था। मगर, उसका असली काम बांग्लादेश से घुसपैठ में मदद करना था।

उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके मोबाइल कब्जे में लिया था। छानबीन में ई-वॉलेट से लेनदेन की जानकारी मिली।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वह अपने खाते में रकम जमा करता था। इसके बाद ई-वॉलेट में ट्रांसफर कर लेता था। इससे रकम पश्चिम बंगाल में एक एजेंट को भेजता था। यह एजेंट रकम को बांग्लादेश लेकर जाता था। इसे टका में बदलवा लिया जाता था। इसमें एजेंट को भाी फायदा हो जाता था। हालिम के खाते से कई बार एक से डेढ़ लाख रुपये हर महीने जाने की जानकारी मिली है। तीन लाख रुपये पिछले साल नवंबर और दिसंबर में उसने बांग्लादेश भेजे थे।

पासपोर्ट व वीजा पर बुलाई पत्नीहालिम ने हाल ही में अपनी पत्नी मरियम का पासपोर्ट और वीजा भी बनवा लिया था। घर में उसके अलावा उसकी मां का भी पासपोर्ट और वीजा है। उसने मरियम को मिलने के लिए बेटी के साथ बुलाया था। अभी वो आगरा में ही रह रही है। पुलिस ने उसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया है।

किराये पर कमरा लेने के लिए हालिम ने बैंक पासबुक से लेकर आधार कार्ड तक बनवाया था। मगर, मोहल्ले के लोग उसे नहीं जानते थे कि वो बांग्लादेशी है। उसकी पत्नी से भी लोग आसानी से बात करते थे। मगर, जब उन्हें पता चला कि वह दूसरे देश से अवैध तरीके से आया है तो लोगों ने भी दूरी बना ली।

एजेंटों की चेन तोड़ेगी पुलिसखुफिया इनपुट के बाद पुलिस ने हालिम के एजेंटों की चेन तोड़ने की तैयारी कर ली है। बांग्लादेश की सीमा पर सक्रिय एजेंट से लेकर आगरा और मथुरा के एजेंट रडार पर हैं। कई नामों की जानकारी पुलिस को मिली है। इन पर टीम कार्य कर रही हैं। एजेंट फरार हैं। उनकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

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