जानना जरूरी: बदलते मौसम में बढ़ा बीमारियों का खतरा, इन घरेलू उपायों को अपनाकर पा सकते हैं आराम
देशभर में इस समय तेजी से मौसम में बदलाव हो रहा है। पिछले दिनों कई राज्यों में हुई असमय बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है, जिसके कारण लोगों में सर्दी-जुकाम बुखार और गले की समस्याओं का जोखिम काफी सामान्य हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों और बुजुर्गों में इस तरह की समस्याओं का जोखिम सबसे अधिक देखा जाता है, ऐसे लोगों को बदलते मौसम में विशेष सावधानियों की जरूरत होती है। वहीं यदि आपको सर्दी-गले में खराश की दिक्कत हो भी जाती है तो हर बार इसके लिए दवाओं की आवश्यकता नहीं है, इसमें कुछ आसान से घरेलू उपाय करके भी लाभ पाया जा सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं मौसम में होने वाले बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम और गले में संक्रमण का जोखिम किसी को भी हो सकता है, हालांकि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है उनमें इसका जोखिम अधिक हो सकता है। वर्षों से दादी-नानी के घरेलू नुस्खों की मदद से इस तरह की समस्याओं में आसानी से राहत पाया जाता रहा है।
आइए ऐसे ही कुछ आसान से उपायों के बारे में जानते हैं जिनको प्रयोग में लाकर आप बिना दवाइयों के भी इस तरह की दिक्कतों से आराम पा सकते हैं।
सूखी खांसी-गले में दर्द और खराश जैसी दिक्कतों को कम करने के लिए लौंग के चूर्ण और शहद को मिलाकर इसका सेवन करने से लाभ पाया जा सकता है। खांसी या गले में जलन होने पर दिन में 2-3 बार इसका सेवन किया जा सकता है। लौंग गले के संक्रमण को कम करने और शहद गले के खराश को कम करने में आपके लिए सहायक है। सर्दी-जुकाम की समस्याओं में इस उपाय से आराम पाया जा सकता है
गले में दर्द और खराश को कम करने और सर्दी के लक्षणों में नमक पानी के गरारे करने से लाभ मिलता है। एक गिलास पानी में 1 टेबल स्पून नमक डालकर 5 मिनट तक उबालें। जब तापमान सामान्य हो जाए तो इसे गरारे करने के लिए इस्तेमाल करें। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक गले में खराश की स्थिति में राहत के लिए दिन में 3-4 बार गरारे करने की सलाह दी जाती है। गरारे के साथ गुनगुने पानी का सेवन करना भी लाभकारी तरीका हो सकता है।
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