राज्यसभा में कश्मीर पर बहस जारी: आजाद बोले- वोट के लिए बयान देते हैं मोदी, जेटली ने कहा- इस मुद्दे पर सब एक भाषा बोलें
नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी के कश्मीर में शांति की अपील के बाद बुधवार को संसद में यह मसला उठा। राज्यसभाा में इस मुद्दे पर बहस के लिए 4 घंटे का वक्त तय किया गया है। कांग्रेस ने चर्चा के पहले कहा कि प्रधानमंत्री संसद में कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाते। इसके बाद कांग्रेस के ही गुलाम नबी आजाद ने कहा- पता नहीं मध्य प्रदेश कब से देश की राजधानी बन गया। पीएम वहां से कश्मीर को संबोधित क्यों करते हैं। अरुण जेटली ने कहा- ये देश का मसला है। अच्छा होगा सब एक जैसी भाषा बोलें। और क्या कहा आजाद में…
– आजाद ने कहा, “देश का ताज जल रहा है। मोदी हर मुद्दे पर ट्वीट करते हैं। लेकिन कश्मीर पर चुप रहते हैं। कश्मीर पर पीएम सदन में चर्चा के लिए क्यों नहीं आते?”
– “उन्होंने मध्य प्रदेश में जाकर कश्मीर पर भाषण दिया। वहां कब राजधानी बन गई। वहां लोकसभा-राज्यसभा कब से हो गई। इतनी नाराजगी भी क्या है? अगर अफ्रीका में कुछ होता है तो आप ट्वीट करते हैं। अमेरिका में कुछ होता है तो भी ट्वीट करते हैं। मानवता के नाते ये ठीक भी है।”
– “अपने मुल्क का ताज जल रहा है। पीएम को कश्मीर की वादियों से प्यार है, वहां की जमीन से प्यार है, तो वहां के लोगों से भी प्यार करें। उन बच्चों से भी प्यार करें जिनकी आंखें चली गई हैं। दलितों के मुद्दे पर भी पीएम ने संसद में बयान नहीं दिया। तेलंगाना जाकर बोले। वे तो वोट के लिए स्टेटमेंट देते रहे। लेकिन हम कश्मीर के लोग लड़ते रहे हैं।”
– “अपने मुल्क का ताज जल रहा है। पीएम को कश्मीर की वादियों से प्यार है, वहां की जमीन से प्यार है, तो वहां के लोगों से भी प्यार करें। उन बच्चों से भी प्यार करें जिनकी आंखें चली गई हैं। दलितों के मुद्दे पर भी पीएम ने संसद में बयान नहीं दिया। तेलंगाना जाकर बोले। वे तो वोट के लिए स्टेटमेंट देते रहे। लेकिन हम कश्मीर के लोग लड़ते रहे हैं।”
क्या बोले जेटली?
– आजाद के बयान पर हंगामा हुआ थो अरुण जेटली ने कहा, ‘इस वक्त जम्मू-कश्मीर के हालात काफी संवेदनशील हैं। जरूरत इस बात की है सभी लोग एक जैसी भाषा बोलें।’
मंगलवार को क्या कहा था मोदी ने?
– आलीराजपुर पहुंचे मोदी ने मंगलवार को चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा से ‘आजादी के 70 साल : जरा याद करो कुर्बानी’ अभियान की शुरुआत की थी।
– उन्होंने देश के वीर सपूतों को याद किया। कश्मीर में अशांति के 32 दिन बाद रुख स्पष्ट करते हुए कहा- ‘जिन हाथों में लैपटॉप होना चाहिए, खेलने के लिए बैट या फुटबॉल होना चाहिए, उन्हें पत्थर थमाए जा रहे हैं। लेकिन हम इंसानियत और कश्मीरियत को दाग नहीं लगने देंगे।
– ‘देश कश्मीर का विकास चाहता है, लेकिन मुट्ठीभर लोग कश्मीर की अस्मिता को ठेस पहुंचा रहे हैं। हर देशवासी चाहता है वह कश्मीर जाए, कुछ दिन वहां बिताए। जो आजादी देश में है, वह कश्मीर में भी हो। हम वहां के युवाओं को रोजगार देना चाहते हैं। इसके लिए युवा आगे आएं और गुमराह लोगों के कंधे से बंदूक उतरवाएं। हम एक देश, एक संकल्प के साथ आगे बढ़ें।’
– मोदी ने सौहार्द की अपील करते हुए कश्मीरी युवाओं से इसे पृथ्वी पर ‘जन्नत’ बनाने का आह्वान किया था। मोदी ने कहा था- मेरी सरकार पूर्व पीएम अटलबिहारी वाजपेयी के ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ के मंत्र में भरोसा रखती है। उन्होंने कहा कि युवकों के हाथों में किताब होना चाहिए, लेकिन पत्थर हैं।
– उन्होंने देश के वीर सपूतों को याद किया। कश्मीर में अशांति के 32 दिन बाद रुख स्पष्ट करते हुए कहा- ‘जिन हाथों में लैपटॉप होना चाहिए, खेलने के लिए बैट या फुटबॉल होना चाहिए, उन्हें पत्थर थमाए जा रहे हैं। लेकिन हम इंसानियत और कश्मीरियत को दाग नहीं लगने देंगे।
– ‘देश कश्मीर का विकास चाहता है, लेकिन मुट्ठीभर लोग कश्मीर की अस्मिता को ठेस पहुंचा रहे हैं। हर देशवासी चाहता है वह कश्मीर जाए, कुछ दिन वहां बिताए। जो आजादी देश में है, वह कश्मीर में भी हो। हम वहां के युवाओं को रोजगार देना चाहते हैं। इसके लिए युवा आगे आएं और गुमराह लोगों के कंधे से बंदूक उतरवाएं। हम एक देश, एक संकल्प के साथ आगे बढ़ें।’
– मोदी ने सौहार्द की अपील करते हुए कश्मीरी युवाओं से इसे पृथ्वी पर ‘जन्नत’ बनाने का आह्वान किया था। मोदी ने कहा था- मेरी सरकार पूर्व पीएम अटलबिहारी वाजपेयी के ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ के मंत्र में भरोसा रखती है। उन्होंने कहा कि युवकों के हाथों में किताब होना चाहिए, लेकिन पत्थर हैं।