स्वास्थ्य

बारिश में बढ़ता आई फ्लू और थ्रोट इन्फेक्शन:गंदे पानी से करें बचाव, हाथों से चेहरे-आंखों को न छुएं, बचाव के 5 टिप्स

बारिश का आना मतलब ‘हैप्पी मानसून।’ लेकिन ये तब तक ही खुशनुमा लग सकता है, जब तक हम इस मौसम की बीमारियों से बचे रहें। मानसून आता तो बारिश के साथ है, लेकिन साथ में कई बीमारियां भी लेकर आता है।

बारिश में ज्यादा नमी के कारण बैक्टीरिया और कई आंखों से न दिखने वाले कीटाणु हवा में फैल जाते हैं। इससे वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बारिश में भीगने या गंदे पानी के संपर्क में आने से आंखों और गले में इन्फेक्शन होना सबसे आम है।

आंखों में इन्फेक्शन जैसे जलन, सूखापन होना, आंखों का लाल हो जाना, उसमें सूजन आ जाना और कई बार आंखों से पानी आना। वहीं अगर इन्फेक्शन बढ़ जाए तो ये आई फ्लू का रूप भी ले सकता है।

आई फ्लू, जिसे कंजंक्टिवाइटिस या ‘पिंक आई’ भी कहते हैं। सरल शब्दों में इसे ‘आंख आना’ कहते हैं। आई फ्लू या आंखों से जुड़ा इन्फेक्शन संक्रमण फैलने से होता है। ये एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल सकता है।

बारिश में होने वाला दूसरा आम इन्फेक्शन है, ‘थ्रोट इन्फेक्शन’ यानी गले में होने वाला इन्फेक्शन। जैसे गले में खराश होना, कफ होना, जलन या खुजली होना, सर्दी-खांसी होना। यह सबकुछ इसके आम लक्षण हैं। सबसे ज्यादा ये बच्चों में होता है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी एडल्ट्स जितनी स्ट्रॉन्ग नहीं होती है। इस कारण उनमें संक्रमण जल्दी फैलने का खतरा रहता है।

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