Wifi-LCD से लैस है इनका ऑटो, सलमान, संजय दत्त भी करते हैं सफर

मुंबई।कहते हैं कि ‘काम करने का अलग अंदाज ही आपको दूसरों से अलग बना देता है।’ मुंबई में ऑटो रिक्शा चलाने वाले संदीप इसकी मिसाल हैं। खार और बांद्रा में रहने वाले लोग उन्हीं के ऑटो रिक्शा में सफर करना चाहते हैं। यहीं नहीं सलमान खान और संजय दत्त जैसे बड़े एक्टर भी उनके ऑटो रिक्शा में सफर करने से नहीं चूकते। टैक्सी की तरह लोग उनके ऑटो की एडवांस बुकिंग करते हैं। सोशल मीडिया पर उनके इस अंदाज को बेहद सराहा जा रहा है। हाल ही में उनकी कहानी को हिस्ट्री चैनल पर दिखाया गया है। महाराष्ट्र पुलिस के रोल मॉडल…
– विनम्र व्यवहार और खास ऑटो के कारण संदीप अब महाराष्ट्र पुलिस के रोल मॉडल के तौर पर पेश किए जा रहे हैं।
– दरअसल, देश के दूसरे शहरों की तरह मुंबई से सटे ठाणे और कल्याण इलाके में ऑटो रिक्शावालों की मनमानी आम है।
– पुलिस के पास शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। बीते कुछ महिनों में 60 हजार शिकायतें आ चुकी हैं, सबसे ज्यादा केस बदसलूकी और बदमिजाजी के।
– कुछ समय पहले सोशल मीडिया में संदीप और उनके ऑटो के चर्चे सुनकर ठाणे की डिप्टी ट्रैफिक कमिश्नर रश्मि करंदीकर ने उनसे संपर्क किया।
– वे अब पुलिस की वर्कशॉप में ठाणे और कल्याण के ऑटो रिक्शा ड्राइवरों को तहजीब और ईमानदारी के साथ कमाई बढ़ाने के गुर सिखा रहे हैं।
क्या- क्या है फैसिलिटी…
– व्यवहार के अलावा संदीप को अलग बनाता है उनका खास ऑटो। इसमें एंटरटेनमेंट के लिए एलसीडी टीवी, रेडियो, अखबार, वाई-फाई और मैगजीन भी मिल जाएंगी। इतना ही नहीं, फर्स्ट एड का बंदोबस्त भी है। एक बोर्ड लगा है जिस पर आपको सोने-चांदी के भाव, सेंसेक्स का हाल, विदेशी करेंसी के अपडेट्स मिल जाएंगे। कुछ मीठा खाने का मन हो तो चॉकलेट्स भी मिल जाएंगी। दान करने की इच्छा हो तो डोनेशन बॉक्स भी है।
सलमान और संजय दत्त के बड़े फैन…
संदीप संजय दत्त और सलमान खान के बड़े फैन हैं। उन्हें मुंबई में ‘मुन्ना भाई एसएससी’ निक नेम से जाना जाता है। वे सलमान की तरह हाथ में ब्रेसलेट पहनते हैं और एक हाथ पर उन्होंने संजय दत्त का टैटू बनवाया है। यही नहीं, जेल से छूटने के बाद संजय दत्त ने संदीप को उनके घर मिलने भी बुलाया था।
पैसों को कर देते हैं दान…
जमा पैसों से सामान खरीदकर वे खुद कई वृद्धाश्रमों में दे आते हैं। सवारी अगर दृष्टिहीन है तो उसे 50 फीसदी, विकलांग है तो 25 फीसदी और ‘जस्ट मैरिड’ जोड़े को 10 फीसदी की छूट देते हैं। संदीप कहते हैं कि ‘भलाई और परोपकार के लिए रईस होना जरूरी नहीं हैं, अच्छे व्यवहार से भी भलाई की जा सकती है।’