उत्तराखंड के जंगलों में आग: हर 2 घंटे में 4 बड़े शहरों के पॉल्यूशन से ज्यादा नुकसान

नई दिल्ली.पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की आग हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर तक पहुंच गई है। दो महीने से अधिक समय से यह आग फैल रही है। सूखे पत्तों में लगी अाग से ओजोन परत पर असर पड़ रहा है। वेदर एक्सपर्ट्स के मुताबिक चार से पांच महानगर एक साल में पर्यावरण को जितना नुकसान पहुंचाते हैं, उतना दो घंटे की आग से ही हो रहा है। 2 फरवरी को सामने आई थी पहली घटना….
2 फरवरी को सामने आई थी पहली घटना
– फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक, गर्मी के दिनों में जंगल में आग लगना आम बात है। लेकिन इस बार यह बड़े स्केल पर देखी गई।
– आमतौर पर यहां के जंगलों में ‘फायर सीजन’ 15 फरवरी से शुरू होकर 15 जून तक चलता है।
– रिपोर्ट की माने तो 2 फरवरी को जंगल में लगी आग से दो महिलाओं की मौत हो गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि जंगल में तभी से आग लगनी शुरू हुई।
इस बार इतनी क्यों भड़की आग?
– राज्य के 1900 एकड़ में आग फैलने की वजह सूखा मौसम, तेज गर्मी और तेज हवाओं का चलना बताया जा रहा है।
– जानकारों के मुताबिक, गर्मी के दिनों में इन इलाकों में बारिश हो जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं।
– एडमिनिस्ट्रेशन ने भी आग की इन घटनाओं को सीरियसली नहीं लिया और धीरे-धीरे ये जंगलों में फैलती रही।
– इस वजह से पौड़ी, गढ़वाल, नैनीताल, पिथौड़ागढ़, बागेश्वर और चमौली में हालत बेहद खराब हैं। इन जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
– चिंता की बात यह है कि अब यह आग हिमाचल और जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गई है।
मुश्किल में नेशनल पार्क
– आग की वजह से केदार, जिम कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क में भी असर देखा जा रहा है।
– जिम कार्बेट नेशनल पार्क का 198 एकड़ इलाका आग की चपेट में आ चुका है।
– वहीं, राजाजी के 70 और केदारनाथ का 60 एकड़ इलाके पर आग ने असर डाला है।
– अफसरों के मुताबिक, आग बढ़ने की वजह से वन्य प्राणी रिहायशी इलाकों की तरफ जा रहे हैं।