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अमेरिकी बाजारों में बढ़ेगा भारतीय उत्पादों का निर्यात

तीन देशों पर उच्च टैरिफ लगाने से बनी संभावना
 नई दिल्ली। अमेरिका के चीन, मेक्सिको व कनाडा पर उच्च टैरिफ लगाने से भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में निर्यात बढ़ाने में मदद मिल सकती है। ट्रंप प्रशासन ने मेक्सिको और कनाडा पर 25 फीसदी पर टैरिफ लगा दिया है। साथ ही, सभी चीनी आयातों पर शुल्क को दोगुना कर 20 फीसदी कर दिया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत एससी रल्हन ने कहा, तीनों देशों पर टैरिफ लगाने से कृषि, इंजीनियरिंग, मशीन टूल्स, परिधान, कपड़ा, रसायन और चमड़ा जैसे क्षेत्रों में भारतीय निर्यातकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

रल्हन ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए उच्च टैरिफ चीन, मेक्सिको और कनाडा से अमेरिका को होने वाले निर्यात को प्रभावित करेंगे, क्योंकि वे अमेरिकी बाजार में अपने उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी करेंगे। इससे निर्यात के मोर्चे पर तीनों देश कम प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे। यह भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा अवसर है और इन्हें अमेरिकी बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए इनका लाभ उठाना होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान जब अमेरिका ने चीन आयातित वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लगाया था, तब भारत चौथा सबसे बड़ा लाभार्थी रहा था।

संभावना…अमेरिकी कंपनियों से आएगा निवेश
आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई का कहना है कि अमेरिका के इस फैसले से व्यापार युद्ध गहराने की आशंका बढ़ गई है। इससे भारत को अमेरिका के बाजारों में अपने निर्यात बढ़ाने और अमेरिकी कंपनियों से निवेश आकर्षित करने में मदद मिलने की उम्मीद है। चीनी उत्पादों पर उच्च टैरिफ भारत के लिए अपने विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने का अवसर भी प्रदान करता है।

व्यापक एफटीए पर भारत को रहना होगा सतर्क
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, 2018-19 में नॉर्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एनएएफटीए) को यूएस-मेक्सिको-कनाडा एफटीए (यूएसएमसीए) से बदलने के बाद डोनाल्ड ट्रंप अब खुद ही अपने फैसले से खुश नहीं हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए भारत को अमेरिका के साथ व्यापक एफटीए पर बातचीत को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

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