DB SPL: किसी शहर से कम नहीं यह गांव, Wi-Fi से लेकर स्मार्ट क्लास की फैसिलिटी
पानीपत. हरियाणा ने पहली बार पढ़ी-लिखी पंचायत चुनी है। दो महीने में ही इसका असर भी दिखने लगा है। अमूमन नए सरपंच को दो-ढाई महीने तो पंचायत की व्यवस्था समझने में लग जाते हैं। लेकिन यहां एक सरपंच ने इतने समय में गांव की तस्वीर ही बदल दी। वह भी बिना किसी सरकारी ग्रांट के। यह गांव है झट्टीपुर जो हर तरह की मॉडर्न फैसिलिटी से लैस है। जाने क्या -क्या खास है इस गांव में
– झट्टीपुर गांव आबादी कोई छह हजार के करीब होगी।
– गांव तक और उसके अंदर साफ-सुथरी आरसीसी सड़कें हैं और इंटरलॉकिंग गलियां।
– हर गली के लिए अलग-अलग सफाई कर्मचारी हैं। यहां कूड़ा उठाने के लिए बैट्री रिक्शा का इस्तेमाल होता है।
– सफाईकर्मियों के मोबाइल नंबर दीवारों पर बने बोर्ड पर लिखे हैं।
– साथ ही लिखा है एक वाट्सएप नंबर। किसी को शिकायत है तो वह फौरन मैसेज कर सकता है। पूरा गांव वाईफाई है।
– हर गली के लिए अलग-अलग सफाई कर्मचारी हैं। यहां कूड़ा उठाने के लिए बैट्री रिक्शा का इस्तेमाल होता है।
– सफाईकर्मियों के मोबाइल नंबर दीवारों पर बने बोर्ड पर लिखे हैं।
– साथ ही लिखा है एक वाट्सएप नंबर। किसी को शिकायत है तो वह फौरन मैसेज कर सकता है। पूरा गांव वाईफाई है।
काम के लिए ऐसे जुटाया पैसा…
– काम के लिए पैसे की जरूरत थी। शुरू में प्रस्ताव बनाए तो अफसरों ने ध्यान ही नहीं दिया। फिर पंचायत ने इनकम पर जोर दिया।
– साल में 12 लाख की आमदनी है। उसी से काम शुरू करवाए। आसपास की कंपनियों से बात की तो मदद मिलने लगी। किसी से ई-टायलेट लिए तो किसी ने पेड़-पौधे दिए।
देश की अन्य पंचायतों को देख आया ख्याल
-एमए, एमफिल और एलएलबी तक की पढ़ाई कर चुके अशोक कहते हैं कि ‘शपथ लेने से पहले अखबारों में गुजरात और महाराष्ट्र की बेस्ट पंचायतों के बारे में पढ़ा था।’
– ”तभी सोच लिया था कि मैं भी अपनी पंचायत ऐसी बनाऊंगा जो दूसरों के लिए मिसाल बने। सरपंच बना तो सबसे पहले घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कहा।”
– ”दो महीने में 500 से ज्यादा दाखिले करवाए। गांव में प्राइमरी, सेकंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं।”
– ”एक में टीचर की कमी थी। मेरी पत्नी एमए पास है। मैंने उनसे कहा कि आप पढ़ाओ। अब तो स्मार्ट क्लास में पढ़ाई होने वाली है।”
– ”महिला सुरक्षा के लिए तीन रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।”
– ”200 लोगों को इंटरनेट कनेक्शन दिए जा चुके हैं। अब गांव से ही ऑनलाइन आवेदन हो रहा है। बुजुर्गों को पेंशन के लिए परेशान न होना पड़े इसलिए बैंक कर्मियों को गांव में ही बुला लिया जाता है।”
– ”अशोक कहते हैं कि 99% घरों में टॉयलेट बन चुके हैं। जहां नहीं हैं वहां ई-टॉयलेट की व्यवस्था है। गांव में दो ट्यूबवेल हैं। पानी बर्बाद न हो इसलिए दोनों पर कर्मचारी रखे। वे लीकेज का भी ध्यान रखते हैं।”
– ”पूरा गांव वाईफाई किया तो लोगों ने कहा कि इंटरनेट का मिसयूज होगा। फिर सबका आईडी प्रूफ लेकर लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया गया।”
– ”अशोक कहते हैं कि सालभर में मैं झट्टीपुर को राज्य की सबसे विकसित पंचायत बनाना चाहता हूं।”