कभी सेक्स स्कैंडल में फंसे नित्यानंद फिर विवादों में, सिंहस्थ में लगवाई खुद की मूर्ति
उज्जैन/भोपाल. एक बार सेक्स स्कैंडल में फंस चुके स्वामी नित्यानंद फिर विवादों में हैं। नया विवाद उनकी मूर्ति को लेकर है। उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में उनके कैंप में शिव-पार्वती की मूर्ति के साथ उन्होंने अपनी मूर्ति लगवाई है। यहां आए अखाड़े के श्रीमहंत, महंत और साधु-संतों ने इस पर नाराजगी जताई। कहा- ”नित्यानंद क्या देवी-देवताओं के हो गए हैं जो उनकी मूर्ति वहां लगाई गई है।” इधर, नित्यानंद कैंप से जुड़े लोगों का कहना है कि उनके गुरु ही उनके लिए भगवान हैं। इसमें कुछ गलत नहीं है। सिंहस्थ में नित्यानंद ने कहां लगाई है खुद की मुर्ति…
– सिंहस्थ की सेलिब्रिटी बने नित्यानंद के उज्जैन के सदावल रोड पर मौजूद कैंप में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। जितनी चर्चा नित्यानंद के कैंप की है, उतनी ही उनकी मूर्ति की भी।
– पंडाल में शिव-पार्वती की पंच धातु से बनी 12 फीट की करीब पांच टन वजनी मूर्ति के ठीक आगे नित्यानंद की मूर्ति लगी हुई है।
– इसके अलावा कैंप में दोनों ओर लगी 20 से ज्यादा मूर्तियों में भी देवी-देवताओं के साथ नित्यानंद की मूर्ति बनी हुई है।
– सिंहस्थ में यह पूरा मामला चर्चा में है। संत नाराज हैं।
– पंडाल में शिव-पार्वती की पंच धातु से बनी 12 फीट की करीब पांच टन वजनी मूर्ति के ठीक आगे नित्यानंद की मूर्ति लगी हुई है।
– इसके अलावा कैंप में दोनों ओर लगी 20 से ज्यादा मूर्तियों में भी देवी-देवताओं के साथ नित्यानंद की मूर्ति बनी हुई है।
– सिंहस्थ में यह पूरा मामला चर्चा में है। संत नाराज हैं।
लॉस एंजेलिस से बनकर आई है मूर्ति
– नित्यानंद की जो मूर्ति लगी है वह लॉस एंजेलिस से बनकर आई है।
– यह मूर्ति सिंहासन सहित करीब चार फीट की है।
– मूर्ति में ऐसे केमिकल मिले हैं जिससे मौसम का इस पर कोई असर नहीं होता है।
– नित्यानंद कैंप से जुड़े लोगों के अनुसार स्वामीजी के भक्त ने यह मूर्ति उन्हें बनवाकर दी थी।
संतों ने कहा- नित्यानंद धर्म का प्रचार करने आए हैं या खुद का
– अखाड़ा परिषद के श्रीहंत और महंत भी। अखाड़ा परिषद से जुड़े लोगों का कहना है वे इस पूरे मामले को अखाड़ा परिषद की बैठक में भी रखेंगे।
– एक संत ने तो उनके बहिष्कार करने की बात कह दी है।
– एक संत ने तो उनके बहिष्कार करने की बात कह दी है।
खुद की मूर्ति क्यों लगाई नित्यानंद ने, भगवान से बड़ा कोई नहीं
– पंच अग्नि अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद महाराज ने कहा-” भगवान से बड़ा कोई नहीं है। जीवित होते हुए खुद की मूर्ति कैंप में लगाने का क्या काम। इसे हटाया जाना चाहिए। सिंहस्थ में वे धर्म का प्रचार करने आए हैं, सनातन धर्म का प्रचार करें। लोगों की आस्था के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।”
– श्रीमहंत और सचिव श्री पंच दशनामी आवाहन अखाड़ा के जय विजय भारती ने कहा- देवी-देवताओं के आगे, नित्यानंद की मूर्ति लगाना गलत है। इसे सहन नहीं किया जा सकता। इस पूरे मामले को अखाड़ा परिषद के सामने रखा जाएगा।
– शंकराचार्य मठ के प्रभारी डॉ. गिरिशानंद ब्रह्मचारी ने कहा- सनातन धर्म ईश्वर का बनाया हुआ है, उसके नियमों पर जो व्यक्ति चलता है वही धार्मिक होता है। सनातन नियम का उल्लंघन कर जो मनमानी करता है, वह अधर्मी होता है। खुद की मूर्ति लगाना, पुजवाना गलत है। ऐसे लोगों से व्यक्ति को दूर रहना चाहिए और उनका बहिष्कार करना चाहिए।
– कम्प्यूटर बाबा, महामंडलेश्वर और प्रदेश अध्यक्ष षट्दर्शन समिति ने कहा- जीते-जी किसी की संत की मूर्ति लगी हो पहली बार देखा। वे यहां हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार करने आए हैं या खुद को पुजवाने। नित्यानंद को खुद की मूर्ति को जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए। हमारे धर्म के साथ कोई खिलवाड़ करें, यह हम कतई सहन नहीं करेंगे।
– बृज मोहनदास महाराज, श्रीमहंत अ.भा. श्रीपंच तेरह भाई त्यागी खालसा ने कहा- खुद की मूर्ति लगाना गलत है। इस सिंहस्थ में देश-विदेश से लोग आएंगे, उनके सामने अच्छा संदेश जाना चाहिए, न की इस तरह का कोई संदेश।
नित्यानंद आश्रम ने क्या कहा?
– नित्यानंद आश्रम के व्यवस्था प्रभारी भक्ता स्वामी ने कहा- मूर्ति लगाना कुछ भी गलत नहीं है। हमारे यहां गुरु का दर्जा भी भगवान का ही है क्योंकि वे हमें भगवान से मिलवाते हैं। जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे गलत है क्योंकि हमारे यहां भगवान के साथ गुरु की मूर्ति लगाने की भी परंपरा है। यह हमारी परंपरा है और इसमें हम बदलाव नहीं करेंगे।
कैसे चर्चा में आए थे नित्यानंद?
– नित्यानंद का 2010 में तमिल फिल्म एक्ट्रेस रंजीता के साथ एक वीडियो लीक हुआ था।
– इसमें वे रंजीता के साथ कथित तौर पर आपत्तिजनक स्थिति में नजर आए थे।
– इसके बाद नित्यानंद का जमकर विरोध हुआ। वे अरेस्ट भी किए गए। कुछ दिनों बाद उन्हें बेल मिल गई थी।