प्रभु ने मुंबई लोकल में खड़े-खड़े किया सफर, पैसेंजर्स ने सुनाई बदहाली की कहानी
मुंबई. रेल मंत्री के लिए ट्रेन पैसेंजर्स की शिकायतें कोई नई बात नहीं है। लेकिन सुरेश प्रभु ने गुरुवार को जैसे ही लोकल ट्रेन का सफर किया, उनके सामने शिकायतों का अंबार लग गया। प्रभु करी रोड स्टेशन पर नए फुटओवर ब्रिज (एफओबी) की नींव रखने पहुंचे थे। यहीं से वे लोकल में सवार हुए और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन गए। सफर में पैसेंजर्स ने उन्हें बोगियों की हालत से लेकर टॉयलेट की सुविधा, सबको लेकर शिकायत की। ट्रेन के अंदर क्या हुआ, लोगों ने ऐसे की शिकायतें…
– ट्रेन में चढ़ने के बाद प्रभु ने बोगी में बैठे लोगों से बातचीत की। जबकि दरवाजे पर लोग चिल्ला रहे थे, वे सेल्फी लेने चाहते थे।
– इसी दौरान घाटकोपर से बैठने वाले कुछ सीनियर सिटिजन्स ने ट्रेन की बदहाली को लेकर शिकायत की।
– कुछ देर बाद पैसेंजर्स ने प्रभु को सीट भी ऑफर की, लेकिन उन्होंने बैठने से इनकार कर दिया। वे सीएसटी तक खड़े ही गए।
– पैसेंजर्स की शिकायतों पर मिनिस्टर ने रेलवे अफसरों को एक्शन लेने के लिए कहा।
बिना प्लान के ट्रेन से सफर को निकले थे प्रभु
– प्रभु की रेल सफर की कोई प्लानिंग नहीं थी।
– सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रेल मंत्री पहले माटुंगा वर्कशॉप से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसमें शामिल हो रहे थे।
– लेकिन यहां लोकल लीडर ने रेलवे से कहा कि आखिरी वक्त में रेल मंत्री क्यों प्लान बदल रहे हैं और फंक्शन में नहीं आ रहे हैं। शिवसेना के लोकल लीडर का कहना था कि उन्होंने अपने पार्टी मेंबर्स को फंक्शन में आने के लिए कह दिया था। इसलिए वे चाहते थे कि मंत्री आएं।
– इसके बाद प्रभु करी रोड स्टेशन गए। वहां दोपहर 12.45 बजे ब्रिज की दूसरी बार नींव रखी गई।
करना पड़ा ट्रेन का इंतजार
– फंक्शन खत्म हो जाने के बाद रेलवे पुलिस ने इलाके को कॉर्डन ऑफ कर दिया और प्रभु को भीड़ से बचाने के लिए ह्यूमन चेन बना दी।
– इससे यहां के लोगों को प्लैटफॉर्म पर जाने में दिक्कत होने लगी।
– 1.04 बजे ट्रेन आई, जो चार मिनट लेट थी।
– इसमें लगे रेक भी भेल के पुराने रेक थे, जिन्हें बदलने की मांग लोग लंबे वक्त से करते आ रहे हैं।
– रेलवे अफसरों और आरपीएफ के जवानों के साथ प्रभु ट्रेन में सवार हुए।