5 दिन, 200 गायों की मौत, नहीं सुधरे हालात
जयपुर/ बस्सी
सांसद, मंत्री और महापौर हिंगोनिया गौशाला का दौरा कर आए, उच्च न्यायालय से अधिकारियों ने फटकार सुन ली, प्रधानमंत्री कार्यालय से आई कमेटी ने भी वहां जांच कर ली लेकिन हालात नहीं सुधर पाए हैं। शनिवार सुबह ठेकाकर्मियों ने फिर हड़ताल कर दी और देखरेख के अभाव में शनिवार को आईसीयू में 23 और बाड़ों में 17 गायें मरी पाई गईं।
पिछले पांच दिन में गौशाला में 200 गायें मर चुकी हैं। ठेकाकर्मियों से समझाइश कर हड़ताल शुक्रवार को खत्म कराई गई थी। ठेकेदार ने 200 कर्मियों के बैंक खातों में वेतन डालने, शेष श्रमिकों को नकद भुगतान करने का आश्वासन दिया था। लेकिन, हड़ताल पर रहने वाले कर्मियों की राशि कटने पर शनिवार सुबह फिर हड़ताल शुरू कर दी। हालांकि दोपहर बाद काम पर लौट आए।
निगम से बुलाई सेन्ट्रल टीम
हड़ताल से बाड़ों में चारा-पानी की व्यवस्था ठप हो गई। बीमार गायों का इलाज नहीं हो पाया। इस पर निगम प्रशासन ने मुख्यालय से 20 कर्मियों की सेंट्रल टीम भेजी लेकिन व्यवस्था नहीं संभल पाई।
गौशाला में गायों को बचाने के लिए ही तय किया गया है कि ठेकाकर्मियों का हड़ताल के दौरान का वेतन नहीं काटा जाएगा। वेतन बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। ठेकाकर्मियों ने ढाई सौ रुपए करने के लिए नगर निगम को 15 दिन का समय दिया है।
भगवतसिंह देवल, अध्यक्ष, निगम पशुधन समिति
हड़ताल के मद्देनजर तत्काल सेन्ट्रल टीम के 20 कर्मचारी गौशाला भेजे गए थे। दोपहर बाद हड़ताल समाप्त हो गई। शनिवार को 17 गायें बाड़ों एवं 23 गायें आईसीयू में मरी हैं।
आरके शर्मा, प्रभारी, हिंगोनिया गौशाला