…तो बाड़मेर में जहरीली शराब मचा देती कोहराम
बाड़मेर.
जहरीली शराब से जनहानि और प्रभावितों का यह आंकड़ा सैकड़ों में होता यदि समय रहते इसकी जानकारी नहीं मिलती। दरअसल, जैसलमेर के बाबाजी का फांटा तेजरावा स्थित अवैध फैक्ट्री से बाड़मेर में करीब 600 बोतल जहरीली शराब की आपूर्ति हुई थी।
इसमें से करीब 240 बोतल यानि 20 कर्टन जहरीली शराब हरसाणी में एक शादी वाले घर में आपूर्ति कर दी गई थी। इस शराब को बाराती और घराती पीने ही वाले थे, लेकिन समय रहते यह सूचना दे दी गई कि शराब जहरीली है और इसे नष्ट कर दिया जाए। जहरीली शराब मामले की जांच में यह नया तथ्य सामने आया है।
यूं बंटी थी जहरीली शराब
पुलिस जांच में 600 बोतल (50 कर्टन) जहरीली शराब बाड़मेर आने का खुलासा हुआ है। इसमें से 10 कर्टन शराब बिशाला क्षेत्र में बंटी और 20 कर्टन पुलिस ने गडरारोड में जब्त कर ली। शेष 20 कर्टन शराब हरसाणी में एक शादी वाले घर पहुंच गई थी। 4 अप्रेल को जहरीली शराब का प्रकरण सामने आते ही तत्काल इस घर में सूचना पहुंचा दी गई कि जो शराब भेजी है, वह खराब है, इसे नष्ट कर दें। फिर यह शराब नष्ट कर दी गई।
टैम्पो जब्त, कई जगह दबिश
इस मामले में बाड़मेर से बाबाजी का फांट स्थित अवैध शराब की फैक्ट्री तक स्प्रिट व खाली बोतलों का परिवहन करने वाले दुर्जनसिंह पुत्र इन्द्रसिंह निवासी म्याजलार से पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर परिवहन करने वाले टैम्पो को जब्त किया गया। वहीं शराब फैक्ट्री से गडरारोड व बिशाला सहित कई गांवो में जहरीली शराब की आपूर्ति करने वाले महेन्द्रसिंह पुत्र श्यामसिंह निवासी दूधोड़ा से पूछताछ के बाद जैसलमेर से अवैध शराब की आपूर्ति करने वाले रोशनसिंह के बईया व म्याजलार में कई ठिकानों पर दबिश दी गई।
अब केवल एक भर्ती
4 अप्रेल को सामने आए जहरीली शराब प्रकरण में 18 जनों की मौत हुई, वहीं 57 जनों का बाड़मेर एवं जोधपुर के अस्पतालों में उपचार किया गया। अब जिला अस्पताल में इस दुखान्तिका से पीडि़त कोई भी व्यक्ति भर्ती नहीं है। जोधपुर के मथुरादास माथुर चिकित्सालय में एक पीडि़त उपचाराधीन है।
धोरों में दबी है बड़ी खेप!
आबकारी की 10 टीमें संभागभर से अवैध शराब की तलाश के लिए पहुंची थी, जो अब लौट चुकी है। अब बाड़मेर आबकारी की चार टीमें तलाश में जुटी हुई है। इन टीमों ने 4 अप्रेल के बाद 22 मामले बनाए हैं, लेकिन इसमें बालोतरा के 40 कर्टन शराब के अलावा कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। दो-पांच बोतल शराब के अधिकांश मामले हैं। आबकारी को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में धोरों में दबी पड़ी बड़ी खेप हाथ लग सकती है।