श्रीनगर से जयपुर पहुंचे 15 छात्रों ने बयां किया दर्द
जयपुर
हमने श्रीनगर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) का चयन इसलिए किया था कि वहां कैम्पस प्लेसमेंट के आंकड़े अच्छे थे। उम्मीद थी कि पढ़ाई के साथ ही नामचीन कंपनी में प्लेसमेंट हो जाएगा। अब जो माहौल है उसमें श्रीनगर में अनुपम खैर को ही घुसने नहीं दिया जा रहा है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री वहां वादा करने के भी नहीं आई तो कैम्पस प्लेसमेंट के लिए कंपनियां कैसे आएंगी? हम जान दांव पर लगाकर कॅरियर के लिए पढ़ाई करें, अपने देश में रोज पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे सहन करें और कॅरियर भी चौपट करें। एनआईटी श्रीनगर में पुलिस की मारपीट, वहां के कुछ स्थानीय छात्रों अध्यापकों, बाहरी तत्वों की धमकियों के बीच घर पहुंचे जयपुर के छात्रों ने एेसे ही पीड़ा व्यक्त की।
सोमवार दोपहर को एनआईटी से रवाना होने के बाद छात्रों ने मंगलवार को जम्मू में प्रदर्शन किया था। बुधवार से दिल्ली में प्रदर्शन शुरू किया। राजस्थान के कई छात्र अभी वहीं डटे हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के जवाब से दुखी छात्रों की पीड़ा ये है कि सरकार धमकियों के बीच श्रीनगर में ही रहने को मजबूर कर रही है। जयपुर में बुधवार और गुरुवार को करीब 15 छात्र लौटे हैं।
कैम्पस को कहीं और शिफ्ट किया जाए
श्रीनगर से लौटे द्वितीय वर्ष के एक छात्र ने बताया कि एक ही मांग है कि तुरंत प्रभाव से कैम्पस को कहीं और शिफ्ट किया जाए। सरकार को कैम्पस में रहना पड़े तो दो दिन में बदलाव हो जाए। बाहर जाते ही स्थानीय धमकाते हैं कि देख लेंगे। वहां लोग सुरक्षाबलों को नहीं बख्श रहे तो हम छात्रों के साथ क्या होगा?
नामी कंपनियां कैम्पस आईं,चयनित हुए छात्र
श्रीनगर एनआईटी में पिछले सालों में देश की नामचीन कंपनियों ने कैम्पस प्लेसमेंट किए। छात्रों को शानदार पैकेज पर चयनित किया। यहां ओएनजीसी,पावर ग्रिड, एनटीपीसी, आईओसीएल, विप्रो, डीआरडीओ, एचपीसीएल, वेदांता, एसीसी, एचसीसी, महेंद्र एंड महेंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां आई थी। दर्जनों बहुराष्ट्रीय और देश की बड़ी कंपनियो ंने भी कैम्पस में प्लेसमेंट किया। यहां से अंतिम वर्ष के करीब-करीब सभी छात्रों का कैम्पस में चयन होता आया है।
एेसा रिजल्ट बनाएंगे कि सब भूल जाओगे
प्रथम वर्ष के एक छात्र ने बताया कि कभी सोचा नहीं था कि देश में ही पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे सुनने को मिलेंगे। विरोध करने पर लाठियां खाई और ऊपर से एफआईआर भी दर्ज करने की धमकी। कॉलेज प्रशासन से बात की तो कहा इस बार एेसा रिजल्ट बनाएंगे कि सब भूल जाओगे। सभी गैर कश्मीरी छात्रों ने इसका विरोध किया, नतीजा ये कि उन्हें एनआईटी छोडऩे पड़ी। जिन अधिकारियों, नेताओं ने सुरक्षा का वादा किया था वे कैम्पस में आए ही नहीं।
सरकार को पता नहीं प्रदेश के कितने छात्र
एनआईटी श्रीनगर में राजस्थान के कितने छात्र हैं? किस जिले के कितने छात्र हैं? इसकी जानकारी राज्य सरकार के पास नहीं है। दरअसल सभी जिलों में पिछले तीन दिन से खुफिया पुलिस ये जानकारी जुटाने में लगी है कि कश्मीर में उनके जिले के कितने छात्र पढ़ रहे हैं। इसके लिए कोटा, जयपुर, अजमेर, अलवर जिलों में तो कुछ अभिभावकों को फोन कर छात्रों के नाम और संख्या तक पूछी है। वहीं अभिभावकों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि राज्य के छात्रों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की है।